गोवर्धन पूजा के लिए पूरा परिवार एकत्र हो गया। परंपरानुसार परिवार की महिलाओं ने गाय के गोबर सेे गोवर्धन पर्वत तैयार किया। फिर परिवार के सभी सदस्यों ने इक_े होकर विधि-विधान के अनुसार कच्चा दूध, अक्षत, रोली, पुष्प, खील और बताशों से पूजन किया। पुरूषों और बच्चों नेे गोवर्धन पर्वत की सात परिक्रमा लगाई और फिर दीपक जलाकर हवन किया। कुछ परिवारों में मुजिया में चांदी का या फिर एक रुपए का सिक्का लगाकर इस सिक्के को मुंह से उठाने की परंपरा निभाई गई।
– सनातन धर्म मंदिर के चक्रधर सभागार में शाम के समय गोवर्धन बनाकर उनका शृंगार किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गोवर्धन पूजन किया गया। आरती के बाद रामभाजा और पूड़ी का प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। सनातन धर्म मंदिर के प्रधानमंत्री महेश नीखरा ने बताया मंदिर में कूपन से अन्नकूट 30 अक्टूबर को रखा गया है।
– लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित गंगादास की बड़ी शाला में महंत रामसेवकदास महाराज ने भगवान गोवर्धन का पूजन किया। शाम को गोवर्धनधारी की झांकी के पूजन के बाद अन्नकूट के दर्शन हुए, साथ ही आचार्य मनीष दुबे के आचार्यत्व में दूध, दही से गोवर्धन का अभिषेक किया गया। तत्पश्चात कई प्रकार की सब्जियों से बनाए रामभाझा और पूड़ी के प्रसाद का वितरण किया गया।
– गिर्राज मंदिर मुरार में गोवर्धन की पूजा-अर्चना की गई। इस मौके पर भगवान गिर्राज के समक्ष छप्पन भोग भी लगाए गए।