शुक्रवार को सुनवाई के दौरान इस संबंध में अशीष की ओर से आवेदन दिया था। दिल्ली से आए आशीष के अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी ने कोर्ट से कहा कि यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। इस घोटाले में सैकड़ों योग्य छात्रों को उनके हक से वंचित किया है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय ने इसे सीबीआइ के हवाले किया। उनका कहना था कि दीपक यादव से संबंधित यह मामला इस घोटाले का महत्वपूर्ण मामला है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न मामलों में दिए गए दिशा निर्देशों को देखते हुए इस मामले की ट्रायल की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए। इसमें आशीष सहित अन्य के बयान, क्रॉस एक्जामिनेशन व अन्य प्रोसिडिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए। यह न्याय के लिए इसलिए जरूरी है कि रिकॉर्डिंग से गवाहों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं डाला जा सकेगा। यह व्यवस्था सभी की सुरक्षा के लिए भी उचित रहेगी।
नहीं हो पाएंगे गवाह पक्षद्रोही
अधिवक्ता हाशमी ने कहा कि इस व्यवस्था से इस मामले में जो गवाह लगातार पक्षद्रोही हो रहे हैं वे नहीं हो पाएंगे। गवाहों के पक्षद्रोही होने से प्रकरणों में न्याय न होने की आशंका को रोका जा सकेगा। इसलिए यह व्यवस्था न्यायहित एवं लोकहित में आवश्यक है। कोर्ट के पूछने पर सीबीआइ ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
राहुल, गौरव आदि को फर्जी प्रवेश दिलाने का है मामला
यह प्रकरण राहुल यादव, गौरव गुप्ता सहित अन्य को फर्जी तरीके से एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने को लेकर शुक्रवार को गवाही के लिए निर्धारित थी। इस मामले में दीपक यादव, संतोष चौरसिया सहित अन्य आरोपी हैं। सुनवाई के दौरान आरोपीगण भी अदालत में मौजूद थे।