स्कूल का समय बदला फिर भी सर्दी से बचाव नहीं
स्कूल शिक्षा विभाग ने गुरुवार को आदेश जारी कर कक्षा नर्सरी से 5वीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल समय में बदलाव करते हुए सुबह 11 बजे का कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी बच्चों को सुबह सर्दी में ठिठुरते हुए ही स्कूल जाना पड़ रहा है। ऐसे में यह सर्दी बच्चों के लिए अब और अधिक मुसीबत बन चुकी है।
अधिकारी बोले-शासन ही तय कर रहा है छुट्टी
जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार और कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का कहना है कि स्कूलों में अब छुट्टी करने का अधिकार भोपाल में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों व शासन द्वारा ही तय किया जा रहा है। इसलिए वे भी इस संबंध में अब कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
पेरेंट्स की मांग
1. गलन भरी ठंड में बच्चों को सुबह-सुबह स्कूल भेजे जाने से उनके स्वास्थ्य पर भी लगातार असर पड़ रहा है। शासन व कलेक्टर-डीईओ को सर्दी को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित करना चाहिए।
– गीता प्रजापति, अभिभावक
2. कंपकंपाती ठंड से बच्चे, युवा व वृद्ध सहित सभी परेशान हैं। शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को सर्दी को देखते हुए स्कूलों में अवकाश करना चाहिए।
– अर्चना सिंह, अभिभावक
ठंड में हार्टअटैक की आशंका ज्यादा, अलर्ट रहें
ठंड घातक है और लगातार पड़ रही है। जब लंबे समय तक ठंड तेज रहे तो शरीर में परिवर्तन होने लगता है। ब्लड प्रेशर बढ़ता है, खून गाढ़ा होने लगता है। इनके प्रति सजग रहना जरूरी है। क्योंकि ठंड में हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा रहती है। इनसे बचाव बेहद जरूरी है।
जिन लोगों को कोई बीमारी नहीं है वह कई लेयर में गर्म कपड़े पहनें। खासकर गर्म टोपी और मोजे जरूरी हैं। कान खुले नहीं रहना चाहिए, जिन लोगों को बीपी और शुगर है वह दवाइयों का नियमित और समय पर सेवन करें। बीपी ठीक नही है तो, दवा की खुराक बढ़ाना चाहिए। हार्टपेशेंट विशेष सर्तक रहें। ठंड में बिल्कुल नहीं निकलें। सैरसपाटे से बचें। तरल गर्म पदार्थ जरूर लें। इन लोगों को चाहिए थर्मस में गुनगुना पानी रखें उसे पीते रहें। फ्रेश सब्जी और फल खाएं। बादाम, अखरोट, अलसी के बीज और बिना भुनी मूंगफली के दानों का सेवन करें।
– पुनीत रस्तोगी, हृदयरोग विशेषज्ञ
बच्चों के लिए ठंड घातक
इन दिनों ठंड काफी तेज है खासकर बच्चों के लिए काफी घातक है। अभिभावकों को चाहिए बच्चों को धूप निकलने से पहले घर से बाहर न जाने दें। क्योंकि तेज ठंड और शीत लहर से बच्चों में सिरदर्द, जुकाम के अलावा (वायरल) अस्थमा अटैक और डायरिया का खतरा रहता है। इसके अलावा हाइपोथर्मिया भी हो सकता है। ठंड की वजह से इसमें खून का थक्का जमता है। यह जानलेवा हो सकता है। बच्चों को कम से कम तीन लेयर में कपड़े पहनाएं। सिर पर गर्म टोपी और पैरों में मौजे जरूरी हैं। खाने में तरल गर्म पदार्थ जरूर दें।
– डा. घनश्याम दास, चाइल्ड स्पेशिलिस्ट