दरअसल हेमंत धाकड़ के पिता जेएएच में भर्ती हुए थे। उपचार के दौरान पिता की मौत हो गई। पिता की मौत को लेकर हेमंत धाकड़ उत्तेजित हो गए और वेंटीलेटर की तोडफ़ोड़ कर दी। स्टाफ के साथ अभद्रता व मारपीट की। डॉ प्रतीक बागड़े ने कंपू थाने में हेमंत धाकड़ के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी। एफआइआर दर्ज होने के बाद हेमंत धाकड़ ने डॉक्टर से माफी मांग ली और केस में समझौते के लिए तैयार हो गए। इसके बाद हाईकोर्ट में एफआइआर को चुनौती दी। उसकी ओर से तर्क दिया कि डॉक्टर ने उन्हें माफ कर दिया। समझौते के आधार पर केस खत्म करना चाहते हैं।
कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त ने जो वेंटीलेटर तोड़ा है, उससे दूसरे लोगों का भी इलाज होता। साथ ही पलंग सहित अन्य सामान को भी नुकसान पहुंचाया है, जिससे अस्पताल का माहौल खराब हुआ है। धाकड़ वेंटीलेटर का खर्च देने के लिए तैयार हो गया। साथ ही सामुदायिक सेवा का हवाला दिया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एफआइआर निरस्त कर दी। आदेश दिया कि वह मरीजों की सेवा करने के साथ-साथ सफाई भी करेगा।
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