सर्वे में मुख्य बिंदु सामने आए
321 कुएं बंद कर दिए गए।
62 में पीने योग्य पानी।
82 कुओं में भरा है कचरा।
12 कुओं का पानी पीने योग्य नहीं है। जल संरचना का प्रकार
573- कुएं हैं
23- बावडि़यां
1- हनुमान बांध
1- महराब साहब की तलैया
62 को रखा सहेजकर
अच्छी खबर यह भी कि क्षेत्र में 62 कुओं को लोगों ने सहेजकर रखा हुआ है, जिमसें पीने के लिए पानी उपलब्ध है।
पौध के लिए किया जा सकता है उपयोग
12 कुओं का पानी पीने के लिए उपयोग नहीं करते हुए पौधरोपण आदि में उपयोग किया जा सकता है।
किया जा सकता है जल संकट खत्म
जानकारों का कहना है चंबल से पानी लाने की जगह उक्त कुओं पर ही फोकस किया जाए तो बरसात का पानी कुओं में सहेजकर वर्षों तक शहर का जल संकट खत्म किया जा सकता है।
करेंगे कार्रवाई
कोर्ट के आदेश के तहत शहर का सर्वे करा रहे हैं। इसमें हम सभी कुओं और बावडि़यों को संरक्षित करने के लिए प्लान बना रहे हैं। जिस पर जल्द ही एक्शन होगा और सभी कुओं को जिंदा कर जल संकट को खत्म किया जाएगा।
विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम।
प्रबंधन जरूरी
अफसरों का फोकस केवल करोड़ों रुपए की डीपीआर पर ही है, जबकि हमारे यहां प्रबंधन कर लिया जाए तो जल संकट को खत्म किया जा सकता है।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम।