सिहौली गांव, महाराजपुरा निवासी सलीम (20) पुत्र शेर खां ने बताया रात करीब एक बजे सात लुटेरों ने उनके और ताऊ अली खां के घर में डाका डाल दिया। दोनों परिवार खेती करते हैं। रात को छोटे भाई हमीद (18) और मामा नसीर खां (34) घर के बाहर सो रहे थे, मां विस्मिल अंदर घर में सो रही थीं। लुटेरे खेतों के रास्ते घर तक आए। बदमाशों ने तीनों को बिस्तर से उठाया। मामा और उनके हाथ, पैर साफी से बांधे। हमीद से कहा दरवाजा खटकाकर मां से पानी मांगो नहीं तो मार देंगे। उनके कब्जे में फंसे हमीद ने कुंडी खटका कर मां को जगाया।
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दरवाजा खुलते पर पांच लुटेरे मां को धक्का देकर अंदर घुस गए। बाकी दो बदमाश उन्हें और हमीद को कवर कर खड़े रहे। अंदर घुसे बदमाशों ने अलमारी और बक्से खुलवाए। उनमें करीब तीन तोला सोना और 20 हजार रुपया रखा था, उसे समेटा, फिर बाजू में ताऊ अली खां के घर में छत के रास्ते से घुस गए। ताई शोभा और उनकी बहू रूबी घर में थीं। ताऊ भी बाहर सो रहे थे। बदमाशों ने पहले उनके हाथ पैर बांधे, फिर अंदर घुसकर ताई और बहू को जगाया। दोनों से कहा जो जेवर और पैसा है वह ले आओ। ताई ने विरोध किया तो उन्हें डंडे और घूंसों से मारा। धमकी दी कि अगर होशियारी दिखाई तो जान से मार देंगे। लुटेरे करीब दो घंटे तक दोनों घरों में आतंक मचाया, फिर धमकी देकर भाग गए कि पुलिस के पास गए तो जिंदा नहीं छोड़ेंगे।
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पुलिस बोली डकैती नहीं, डराकर छीना
एक साथ दो घरों में डकैती और महिलाओं के साथ मारपीट की वारदात को पुलिस ने डाका नहीं माना है। दो वारदातों में सिर्फ सलीम की शिकायत पर धारा 384 के तहत केस दर्ज किया।
पड़ोस में घर नहीं, इसलिए बेखौफ थे लुटेरे
सलीम और अली खां के मकान के आसपास कोई घर नहीं है। दोनों के घर खेतों के पास है, बाकी घर करीब 800 मीटर की दूरी पर हैं। इसलिए लुटेरों को पता था कि दोनों परिवार मदद के लिए शोर मचाएंगे तो भी कोई नहीं सुनेगा। बेखौफ दोनों परिवार को लुटने के बाद बदमाश खेतों के रास्ते भाग गए ।
सोते से उठाकर पूछा कितने हथियार हैं
सलीम ने पुलिस को बताया कि लुटेरों ने सोते से उठाकर खड़ा किया, दो बदमाशों ने मामा नसीर, हमीद और उनकी तलाशी ली, पूछा कि तुम्हारी बंदूक कहां है। उनसे कहा कि घर में कोई हथियार नहीं है तब भी लुटेरों को भरोसा नहीं हुआ, बिस्तर को उलट पलट कर चेक किया। तलाशी में उनका मोबाइल फोन लुटेरों ने छीन कर जेब में रख लिया। भागने से पहले ताऊ के फोन से सिम निकाल कर तोड़ दी। उनके मोबाइल से भी सिम निकालने की कोशिश की लेकिन उसे नहीं खोल पाए तो धमकी दे गए कि पुलिस को फोन मत करना वरना मार देंगे।
मां ने खोले हाथ पैर, डॉग स्क्वॉड को नहीं मिला सुराग
सलीम के मुताबिक लुटेरों के भागने के बाद भाई और मामा के साथ चुपचाप खटिया पर पड़े करीब दो घंटे बाद मां हिम्मत कर बाहर आईं, उन्होंने हाथ पैर खोले फिर ताऊ के घर जाकर घटना देखी। उसके बाद पुलिस को फोन लगाया। आधे घंटे बाद पुलिस आ गई, लेकिन लुटेरों की तलाश में कुछ नहीं किया। दोनों परिवार के सदस्यों को डायल 100 थाने ले गई। दोपहर को डॉग स्क्वॉड आया, पूरे घर में घूमा फिर कुछ दूर जाकर रुक गया।