ग्वालियर। तानसेन समारोह का मंच इस बार समाधि से करीब 100 कदम दूर बनाया गया है। एएसआई की आपत्ति के चलते इसे दूर रखा गया है।
मंच मितावली के 64 योगनी मंदिर की तर्ज पर बना है। जिसका उद्देश्य विदेश से आ रहे कलाकार और श्रोताओं को मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और एेतिहासिक धरोहरों को एक साथ दिखाना है।
व्यवस्था के लिए मजिस्टे्रट की नियुक्ति
तानसेन समारोह में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कलेक्टर ने समाधि और बेहट के लिए अलग-अलग कार्यपालिक दंडाधिकारी नियुक्त किए हैं।
एडीएम शिवराज वर्मा ने बताया 23 और 24 दिसंबर को हजीरा पर व्यवस्था की जिम्मेदारी एसडीएम अखिलेश जैन को दी गई है, उनके साथ नायब तहसीलदार मधुलिका तोमर भी जिम्मेदारी निभाएंगीं।
25 और 26 दिसंबर को एसडीएम महीप तेजस्वी और अपर तहसीलदार पुष्पा पुषाम व्यवस्था संभालेंगीं। 27 दिसंबर को बेहट में होने वाले कार्यक्रम के दौरान एसडीएम एचबी शर्मा और नायब तहसीलदार शिवनंदन सिंह कुशवाह कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेंगे।
प्रदर्शनियों का होगा शुभारंभ
तानसेन समारोह के उपलक्ष्य में दो स्थानों में रंग संभावना चित्रकला प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। पहली प्रदर्शनी का शुभारंभ तानसेन कला वीथिका में दोपहर एक बजे होगा। जो महापौर विवेक नारायण शेजवलकर करेंगे। दूसरी शाम 4.30 बजे ललित कला संस्थान अचलेश्वर में लगेगी। इसका शुभारंभ मप्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री माया सिंह करेंगी।
प्रदर्शनियों में तानसेन समारोह और संगीत से संबंधित चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा समाधि स्थल में लगे पंडाल में सिंहस्थ और तानसेन समारोह से संबंधित जानकारियों और फोटो की प्रदर्शनी भी लगेगी।
संगीत सम्राट तानसेन की याद में हर साल आयोजित होने वाला संगीत का महाकुंभ तानसेन समारोह कई यादों का समेट हुए है। यहां कई ख्याति प्राप्त संगीतकारों व महान हस्तियों ने तानसेन की समाधि आवाज व कला का जादू बिखेरा है। पेश यादों के झरोखे से कुछ दुर्लभ चित्र।
Hindi News / Gwalior / दलाई लामा से अटल बिहारी बाजपेई तक, ये बने तानसेन समारोह के गवाह