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ग्वालियर

Tansen Samaroh 2022: तानसेन समारोह का शुभारंभ, शीर्षस्थ संगीत महोत्सव में आए देशी-विदेशी संगीतकार

tansen samaroh 2022-पांच दिनों तक ग्वालियर का वातावरम संगीतमय रहेगा…।

ग्वालियरDec 19, 2022 / 04:11 pm

Manish Gite

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ग्वालियर। विश्व प्रसिद्ध तानसेन समारोह सोमवार से शुरू हो गया। तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, हरिकथा, मिलाद, चादरपोशी और कव्वाली के आयोजन हुए। सुरों के सम्राट तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले तानसेन समारोह का इस साल 98वां वर्ष है।

ग्वालियर में तानसेन समारोह की सोमवार से शुरुआत हो गई। सुबह से 98वर्षों की परंपरा के अनुसार तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन हुआ, इसके अलावा हरिकथा, मिलाद, चादरपोशी और कव्वाली के आयोजन भी हुए। यहां कलाकारों ने अपने-अपने अंदाज में तानसेन को स्वरांजलि अर्पित की।

सोमवार को सुबह तानसेन समाधि पर उस्ताद मजीद खां और साथियों ने रागमय शहनाई वादन किया। ढोलीबुआ महाराज नाथपंथी संत सच्चिदानंद नाथ ने संगीतमय आध्यात्मिक प्रवचन दिए। इनके बाद ढोली बुआ महाराज की ओर से राग बैरागी में कबीर रचित भजन प्रस्तुत किए गए।

 

 

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अलंकरण समारोह

तानसेन समारोह की परंपरागत शुरुआत के बाद शाम को औपचारिक शुभारंभ रखा गया है। इसी दौरान अलंकरण समारोह भी रखा गया है। इस मौके पर बांसुरी वादक पं. नित्यानंद हल्दीपुर मुंबई को 2021 के तानसेन अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा। मुंबई की सामवेद सोसायटी फार परफार्मिंग आर्ट संस्था को भी राजा मानसिंह तोमर स्मान से अलंकृत किया जाएगा।

 

सिंधिया और तोमर भी आएंगे

विश्व प्रसिद्ध तानसेन समारोह में सोमवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्यप्रदेश की पर्यटन मंत्री षा ठाकुर मौजूद रहेंगी। ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर आदि मौजूद रहेंगे।

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यह रहेंगे पांच दिन के कार्यक्रम

19 दिसंबर

तानसेन सम्मान से विभूषित पं. नित्यानंद हल्दीपुर मुम्बई बांसुरी वादन करेंगे। ख्यातिनाम गायक जनाब वासिफुद्दीन डागर दिल्ली का ध्रुपद गायन और देश की सुविख्यात शास्त्रीय गायिका विदुषी अश्विनी भिड़े देशपांडे पुणे का भी गायन रहेगा।

 

20 दिसंबर

– सुबह ध्रुपद केन्द्र भोपाल और शंकर गंधर्व संगीत महाविद्यालय ग्वालियर का ध्रुपद गायन होगा। चिली देश के टॉमस कैरास्को गुबनैंटिस, मोआ निकोलस एडमंड्स ग्वेरा एवं अल्फ्रेडो तोस्टो की प्रस्तुति। मुम्बई की दीपिका भिड़े भागवत का गायन, दिल्ली के डालचंद शर्मा का पखावज वादन, पुणे के फड़के देशपाण्डे का गायन और दिल्ली के ब्रजभूषण गोस्वामी के ध्रुपद गायन की प्रस्तुति। शाम को भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर का ध्रुपद गायन। पं. व्यंकटेश कुमार धारवाड़ का गायन, जयपुर के पं. विश्व मोहन भट्ट एवं सलिल भट्ट का मोहनवीणा वादन, भोपाल के गुंदेचा का ध्रुपद गायन, विश्व संगीत के तहत इजराइल के अवि अदिर एवं एलेक्स ओस्टापेंको की प्रस्तुति एवं सुषमा वाजपेयी कानपुर का गायन होगा।

21 दिसंबर

-सुबह तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर की ध्रुपद प्रस्तुति। जिम्बाब्वे के ब्लेसिंग चिमंगा के बैंड की प्रस्तुति। मुंबई के पं. सुखदेव चतुर्वेदी का ध्रुपद गायन, पुणे के अभिषेक बोरकर का सरोद वादन, पुणे के आनंद भाटे का गायन और भोपाल के प्रवीण शेवलीकर का वायलिन वादन।
शाम के कार्यक्रमों में ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर का गायन। विदुषी परवीन सुल्ताना मुम्बई का गायन, इंदौर के संतोष संत का बांसुरी वादन, इंदौर के पं. दिनेश शुक्ला का तबला वादन, मुंबई के राजेश सेंध का ध्रुपद गायन और ग्वालियर के श्रीराम उमड़ेकर का सितार वादन।

 

22 दिसंबर

– सुबह की सभा में सारदा नाद मंदिर का ध्रुपद गायन। यूएसए के विलियम रीस हॉफमैन की प्रस्तुति। सतना के विनोद मिश्रा का गायन, दिल्ली के बृजभूषण गोस्वामी का ध्रुपद गायन, ग्वालियर के उमेश कंपूवाले का गायन और मुंबई के हर्ष नारायण का सारंगी वादन। शाम को राजा मानसिंह तोमर संगीत और कला विश्वविद्यालय का ध्रुपद गायन। अर्जेंटीना के देसमाद्रे ऑर्केस्ट्रा की प्रस्तुति। पुणे की अनुजा झोकरकर का गायन, चैन्नई के शशांक सुब्रमण्यम का बांसुरी वादन, पं. जयतीर्थ मेवुण्डी धारवाड़ का गायन एवं पं. संजू सहाय लंदन का तबला वादन।

 

23 दिसंबर

– तानसेन समारोह की जन्म स्थली बेहट में द्रुपद केंद्र का गायन। हरविंदर सिंह चंडीगढ का गायन, विनय बिन्दे एवं ग्वालियर प्रणय पराड़कर की तबला जुगलबंदी और ग्वालियर आदित्य शर्मा का ध्रुपद गायन।

 

गूजरी महल में अंतिम सभा

– ग्वालियर के फेमस गुजरी मेल में साधना संगीत महाविद्यालय ग्वालियर का ध्रुपद गायन। इंदौर की शिल्पा मसूरकर का गायन, इंदौर की अनुप्रिया देवताले का वायोलिन वादन और रीता देव दिल्ली का गायन।

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