रात 1.30 बजे शुरू होगा ग्रहण
करीब तीन घंटे तक आकाश में चंद्र ग्रहण का नजारा देखा जा सकेगा। 16 और 17 जुलाई की मध्य रात 1 बजकर 32 मिनट से ग्रहण का स्पर्श शुरू होगा। रात्रि 3 बजकर 01 मिनट पर ग्रहण का मध्य रहेगा और सुबह 4.30 बजे ग्रहण का मोक्षकाल होगा। चंद्र ग्रहण का कुल समय 2 घंटे 58 मिनट का रहेगा।
इन क्षेत्रों में नजर आएगा प्रभाव
चंद्र ग्रहण का प्रभाव शासन की कार्यप्रणाली में परिवर्तन के रूप में दिखाई देगा। अधिकारियों में कार्य का परिवर्तन होगा।चंद्र ग्रहण का मंगल बुध से षडाष्टक योग बनेगा। मैदिनी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस प्रकार की ग्रह स्थिति जलवायु परिवर्तन के लिए खास होती है। चंद्रमा की राशि कर्क में मंगल तथा बुध का गोचर वर्षा ऋ तु के चक्र को प्रभावित करेगा। धनु राशि में ग्रहण होने के कारण इस राशि वाले विशेष रूप से प्रभावित होंगे।
प्राकृतिक संतुलन बिगड़ेगा
ज्योतिषाचार्य वाचस्पति शास्त्री के मुताबिक गुरु पूर्णिमा पर 16 जुलाई को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, विशिष्ट करण तथा धनु राशि का चंद्र ग्रहण रहेगा। यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु व मकर राशि में चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं-कहीं प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ेगा। कही आंधी आएगी तो कहीं तेज बारिश होने से बाढ़, आपदा आएंगी।