सोमवार को बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के बाद एसएनसीयू में पूरी तरह से सेनेटाइज कराकर इसे बंद कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि 48 घंटे तक इसमें एक बार और सेनेटाइज करके बाद इसे खोला जाएगा। जब तक बच्चों को दूसरी जगह ही शिफ्ट रहना होगा।
केआरएच से दो दिन में दस बच्चे रैफर होकर मुरार जिला अस्पताल के एसएनसीयू में आए हैं। केआरएच में दो दिन पहले नर्स पॉजिटिव आने के बाद और अब डॉक्टर संक्रमित होने के बाद से दस बच्चों को भेजा गया है।
केआरएच से शिफ्ट किए गए बच्चों के परिजन से निजी अस्पताल संचालक दवाओं और रिपोर्ट का पैसा मांग रहे हैं। केआरएच से सोमवार की दोपहर में चीनोर तहसील के रहने वाले कुलदीप से विश्वविद्यालय तिराहे पर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच और दवाओं के पैसे मांगे। इस पर कुलदीप ने कहा कि साहब पैसे होते तो केआरएच में बच्चे को भर्ती क्यों कराते।
& किसी भी मरीज को निजी अस्पताल में पैसे देने की जरूरत नहीं है। जहां बच्चे रैफर किए गए हैं। उन सभी को पैसे न लेने को कहा है, लेकिन उसके बावजूद भी पैसे मांग रहा है तो मुझसे शिकायत करो।
डॉ. वीके गुप्ता, सीएमएचओ