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ग्वालियर

एसएनसीयू में डॉक्टर पॉजिटिव आने के बाद 22 बच्चों को किया शिफ्ट

स्टाफ के लगभग पचास लोगों के लिए गए सैंपल, दो दिन बाद सैनेटाइजेशन के बाद खुल सकेगा एसएनसीयू

ग्वालियरAug 04, 2020 / 06:44 pm

prashant sharma

एसएनसीयू में डॉक्टर पॉजिटिव आने के बाद 22 बच्चों को किया शिफ्ट

एसएनसीयू में डॉक्टर पॉजिटिव आने के बाद 22 बच्चों को किया शिफ्ट

ग्वालियर. केआरएच के एसएनसीयू में रविवार को चार डॉक्टरों के पॉजिटिव निकलने के बाद से हडक़ंप मचा हुआ है। सोमवार की सुबह से ही यहां भर्ती बच्चों को दूसरे अस्पतालों में पहुंचाया गया है। इसके बाद यहां पर सैनेटाइज करके 48 घंटे के लिए एसएनसीयू को बंद कर दिया गया है। एसएनसीयू में रविवार की रात को 22 से 23 बच्चे भर्ती थे। जिन्हें सोमवार की सुबह से निजी अस्पतालों के साथ मुरार जिला अस्पताल की एसएनसीयू में भर्ती कराना शुरू किया गया। इसके साथ ही एसएनसीयू में डॉक्टरों के संपर्क में आने वाले नर्स, वार्ड बॉय के साथ अन्य लगभग 50 कर्मचारियों के सैंपल कराए गए हैं। इतनी अधिक तादाद में यहां से पॉजिटिव मिलने से अब हर कोई यहां पर आने से बच रहा है।
48 घंटे बाद खुलेगा एसएनसीयू
सोमवार को बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के बाद एसएनसीयू में पूरी तरह से सेनेटाइज कराकर इसे बंद कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि 48 घंटे तक इसमें एक बार और सेनेटाइज करके बाद इसे खोला जाएगा। जब तक बच्चों को दूसरी जगह ही शिफ्ट रहना होगा।
दस बच्चे भर्ती हुए मुरार एसएनसीयू में
केआरएच से दो दिन में दस बच्चे रैफर होकर मुरार जिला अस्पताल के एसएनसीयू में आए हैं। केआरएच में दो दिन पहले नर्स पॉजिटिव आने के बाद और अब डॉक्टर संक्रमित होने के बाद से दस बच्चों को भेजा गया है।
निजी अस्पतालों इलाज का ले रहे पैसा
केआरएच से शिफ्ट किए गए बच्चों के परिजन से निजी अस्पताल संचालक दवाओं और रिपोर्ट का पैसा मांग रहे हैं। केआरएच से सोमवार की दोपहर में चीनोर तहसील के रहने वाले कुलदीप से विश्वविद्यालय तिराहे पर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच और दवाओं के पैसे मांगे। इस पर कुलदीप ने कहा कि साहब पैसे होते तो केआरएच में बच्चे को भर्ती क्यों कराते।
किसी भी मरीज को पैसे देने की जरूरत नहीं
& किसी भी मरीज को निजी अस्पताल में पैसे देने की जरूरत नहीं है। जहां बच्चे रैफर किए गए हैं। उन सभी को पैसे न लेने को कहा है, लेकिन उसके बावजूद भी पैसे मांग रहा है तो मुझसे शिकायत करो।
डॉ. वीके गुप्ता, सीएमएचओ

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