डिप्टी कमिश्नर अतिबलसिंह यादव के सरकारी वाहन का ड्राइवर रंजीत सिंह जाट रविवार रात को सुसाइड नोट छोड़कर गायब हो गया। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर सोमवार को मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे ढूंढ निकाला। ड्राइवर ने बताया कि मथुरा चला गया था, जहां आत्महत्या का विचार मन से निकल गया।
देहात बिजौली इलाके में रहनेवाला ड्राइवर रंजीत सिंह जाट आउटसोर्स कर्मचारी है और नगर निगम के डिप्टी कमिशनर अतिबल सिंह यादव का वाहन चलाता है। उसके कमरे में सुसाइड नोट मिला था जिसमें डिप्टी कमिशनर अतिबल की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी। दो पेज का सुसाइड नोट मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई।
एसडीओपी संतोष पटेल ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को यह बात बताई वहीं रंजीत सिंह जाट की तलाश भी शुरू कर दी। मथुरा स्टेशन के पास उसे बरामद कर लिया। रंजीत ने बताया कि वह आत्महत्या करने रेलवे स्टेशन गया लेकिन पत्नी और बच्चों की याद आई तो इसका विचार छोड़ दिया।
सुसाइड लेटर में अफसर पर गंभीर आरोप
अपने सुसाइड लेटर में ड्राइवर रंजीतसिंह जाट ने डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने लेटर में लिखा- मेरी ड्यूटी दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक की है। अतिबल सिंह यादव मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत प्रताड़ित करते हैं। रोज रात को दारू पीकर गालियां देते हैं, धक्का-मुक्की करते हैं। जूठे बर्तन उठवाते हैं, साफ-सफाई करवाते हैं। मना करने पर नौकरी से निकलवाने की धमकी देते हैं। रात 12 से 1 बजे तक छोड़ते हैं। 23 नवंबर को भी मुझे डिप्टी कमिश्नर ने गालियां दीं। मैंने विरोध किया, तो कहने लगे कि कल से नौकरी पर नहीं आना। मैं परेशान होकर आत्महत्या करने जा रहा हूं।
इधर, ड्राइवर रंजीतसिंह जाट के आरोपोें को डिप्टी कमिश्नर अतिबलसिंह यादव ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ड्राइवर के सभी आरोप सरासर झूठे हैं। मामले में एसडीओपी SDOP संतोष पटेल ने कहा कि ड्राइवर ने नगर निगम के अधिकारी पर गंभीर आरापे लगाए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।