पहले पूरा मामला समझिए..
ग्वालियर के घाटीगांव इलाके के रहने वाले कुछ मजदूर मजदूरी करने के लिए आगरा गए थे। वो वापस वहां से लौटे तो घाटीगांव रेलवे स्टेशन के बाहर एक पेड़ के नीचे उदास चेहरे लिए बोरिया बिस्तर लिए बैठे हुए थे। एसडीओपी संतोष पटेल वहां से गुजर रहे थे और जब उनकी नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने गाड़ी रुकवाया मजदूरों से बात की तो पता चला कि आगरा के ठेकेदार ने पूरा काम कराकर उनकी मजदूरी के 60 हजार रुपए की जगह 30 हजार रुपए देकर उन्हें रवाना कर दिया है। मजदूरों की पूरी बात सुनने के बाद पहले तो एसडीओपी संतोष पटेल ने मध्यस्थता करने वाले व्यक्ति के घर पुलिस टीम को भेजा और फिर आगरा में बैठे ठेकेदार को फोन लगाकर पुलिसिया भाषा में समझाते हुए पूरा भुगतान करने के लिए कहा। फिर क्या था कुछ ही घंटों में मध्यस्थ के बीच मजदूरों की मजदूरी के बाकी बचे हुए 30 हजार रुपए आ गए। मेहनत का पूरा पैसा मिलने के बाद मजदूरों ने एसडीओपी को दिल से धन्यवाद दिया और फिर वहां से रवाना हो गए।
देखें वीडियो-
सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो
इस पूरे वाक्ये का एसडीओपी संतोष पटेल ने खुद वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए एसडीओपी संतोष पटेल ने कैप्शन में लिखा है- मजदूरों की जो मजदूरी खाएगा, कभी बड़ा नहीं हो पाएगा, भले ही दौलत का पहाड़ खड़ा कर ले, मगर बद्दुवाओं के बोझ में दब जाएगा। इसके बाद उन्होंने पूरी घटना का जिक्र किया है और फिर अंत में लिखा है कि ईश्वर का धन्यवाद करूंगा जो मुझे पुलिस में भर्ती करवाया। न कोई धारा लगाई न कोई fir की सिर्फ एक फोन से ही पीड़ित को न्याय मिल गया और मुझे संतुष्टि।
देखें वीडियो-