उसे यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना। एसडीएम को बुलाया और कारखाने का निरीक्षण किया गया तो छैना (रसगुल्लों) में मरी चीटियां पड़ी थीं और कचौरी में फफूंद लगी थी। अधिकारियों ने खराब मिठाइयां फिंकवा दीं। काम में बाधा डालने वाले कर्मचारी मनोज पुत्र शंकर सिंह को थाने भिजवा दिया, जहां उस पर धारा 151 के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।
जोधपुर मिष्ठान भंडार की फिर शिकायत मिलने पर शुक्रवार को दोपहर अभिविहित अधिकारी और एसडीएम पुष्पा पुषाम ने झांसी रोड एसडीएम अनिल बनवारिया को बताया तो उन्होंने तहसीलदार शिवानी पांडेय को जांच के लिए भेजा। जब तहसीलदार जोधपुर मिष्ठान भंडार के कारखाने में पहुंचीं तो वहां खलबली मच गई। कर्मचारी गंदे फर्श को साफ करने में जुट गए और खराब मिठाइयों को फेंकना शुरू कर दिया।
यह देख तहसीलदार ने कार्रवाई पूरी होने तक कुछ भी न करने की चेतावनी दी, लेकिन वहां मौजूद राजस्थान के जोधपुर जिले के बनारा गांव निवासी मनोज कुमार पर कोई असर नहीं हुआ और उसने खराब सामान को फेंकने के साथ सफाई भी जारी रखी। यह देख तहसीलदार ने एसडीएम को बुलाया।
बची खराब मिठाइयों से दोबारा बनाते
कारखाने से थाटीपुर स्थित ब्रांच में सबसे ज्यादा सामान भेजा जाता है। बहुत से थालों में बची हुई मिठाइयां, थी। अधिकारियों का कहना है कि इनका इस्तेमाल दोबारा मिठाई बनाने में किया जाता है।
खराब दूध से मावा
कलर की कंपनी नहीं बता पाए
मिठाइयों में मिलाया जाने वाला मिक्स्ड कलर का ब्रांड वहां मौजूद लोगों से पूछा गया तो वे कंपनी नहीं बता पाए। यह कलर भी अमानक हो सकता है।
कार्रवाही करते हुए एसडीएम व उनकी टीम शौचालय के पास ही बनती है मिठाई, एक ही टंकी के पानी का होता है इस्तेमाल एसडीएम के द्वारा फिकवाईं गई मिठाई से बना ढेर
नहीं सुधर रहे मिलावटखोर
शहर में मिलावटखोरी के खिलाफ अधिकारी लगातार चेकिंग कर रहे हैं। आठ दिन में गिरवाई की चॉकलेट फैक्ट्रियों सहित नामी मिष्ठान भंडारों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की गई है। इसके बाद भी खाद्य सामग्री बनाने-बेचने वाले सुधर नहीं रहे हैं। मुरार में आनंद मिष्ठान्न भंडार पर भी तमाम गड़बड़ी मिली थीं।