इन्हीं चारों आरक्षकों के इशारे पर प्रदेश के अलग-अलग आरटीओ बैरियर (चैकपोस्ट) पर 40 कटर टीम (प्राइवेट लोग) उगाही का काम करती थीं। अब इन चारों राजदार आरक्षक नरेंद्र सिंह भदौरिया, गौरव पाराशर, धनंजय चौबे और हेमंत जाटव की संपत्ति और पोस्टिंग का ब्यौरा खंगाला जा रहा है। आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने परिवहन आयुक्त कार्यालय से इसकी जानकारी मांगी है।
9 बिंदुओं पर मांगी जानकारी
परिवहन विभाग में नौकरी हासिल करने के लिए सौरभ और उसके चारों साथियों ने क्या दस्तावेज विभाग को सौंपे हैं। इनकी सर्विस बुक के पहले पेज की प्रति सहित पूरी सर्विस बुक का ब्यौरा… ■ परिवहन विभाग में नियुक्ति से अब तक की संपत्ति का ब्यौरा ■ इनकी नियुक्ति से 31 दिसंबर 24 तक पदस्थापना का ब्यौरा ■ 2012 से अब तक चैकिंग के दौरान वरिष्ठों से आचरण, ड्यूटी संबंधी टीम
■ इन सभी आरक्षकों का डयूटी के दौरान का सीसीटीवी फुटेज ■ सौरभ सहित पांचों आरक्षकों की नियुक्ति से आज तक के वेतन पत्रक ■ नियुक्ति से आज तक इनके उपस्थिति पत्रक
■ नियुक्ति से आज तक इनके अवकाश का ब्यौरा
व्यापमं से इनकी भर्ती कराने का शिकायत
व्यापमं से भर्ती सौरभ के साथी चारों आरक्षकों की परिवहन विभाग में भर्ती को लेकर भी विभाग में कई तरह की बातें सामने आई है। परिवहन विभाग के लोगों का कहना है सौरभ के राइट हैंड कहे जाने वाला आरक्षक नरेन्द्र भदौरिया, हेमंत जाटव, गौरव पाराशर और धनंजय चौबे की भर्ती व्यापमं परीक्षा के जरिए हुई थी। इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठे थे। मामले की जांच भी शुरू हुई थी लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते जांच का नतीजा नहीं निकला था।