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ग्वालियर

नगर में पांच हजार से ज्यादा नए मकान, डायवर्सन सिर्फ 2 हजार का

-खजाने को पहुंच रही राजस्व क्षति-अधिकारियों की उदासीनता इतनी कि नोटिस भी नहीं किये जारी

ग्वालियरMay 23, 2023 / 03:08 pm

Dharmendra Trivedi

नगर में पांच हजार से ज्यादा नए मकान, डायवर्सन सिर्फ 2 हजार का

नगर में पांच हजार से ज्यादा नए मकान, डायवर्सन सिर्फ 2 हजार का

जगमोहन शर्मा
विजयपुर। नगर की सीमा में पांच हजार से ज्यादा नए मकान बन गए हैं। 15 वार्डों में बने इन मकानों में से बमुश्किल 2 हजार मकानों का ही डायवर्सन हुआ है। प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों ने अवैध बन रहे मकानों पर अंकुश लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। स्थिति यह है कि 30 हजार की आबादी वाले शहर में कॉलोनी तो काटी जा रही हैं लेकिन वैध अनुमतियां कोई कॉलोनाइजर नहीं ले रहा, परिणाम यह है कि एक ओर तो सरकारी खजाने को राजस्व हानि हो रही है, दूसरी ओर घर बनाने में अपनी पूंजी लगाने वाले परिवारों पर भी हमेशा कार्रवाई का डर सताता रहेगा।

दरअसल, वर्ष 1998 में श्योपुर को मुरैना से अलग करके स्वतंत्र जिला बनाया गया था। जिले में विजयपुर, कराहल और श्योपुर तीन ब्लॉक बनाए गए। इसके बाद बड़ौदा और विजयपुर को नगर परिषद का दर्जा दिया गया। नगर परिषद का दर्जा मिलने के बाद दोनों कस्बों में तेजी से विकास शुरू हुआ। दोनों ही कस्बों मेंं कृषि उपज मंडी होने से जमीनों के दाम भी बढ़ रहे हैं। इसका फायदा उठाकर एक तरफ तो भू माफिया ने सरकारी जमीनों को हथियाकर बेच दिया, वहीं दूसरी ओर कॉलोनाइजर ने बिना किसी वैध अनुमति के कॉलोनियां बसा दीं और अब ये अवैध कॉलोनियां बढ़ती जा रही हैं।

यह है अवैध कॉलोनियों के लिए जिम्मेदार
-नगर परिषद के सीएमओ, वार्ड ऑफिसर अवैध बसाहट के लिए जिम्मेदार हैं।
-प्रशासनिक अधिकारियों मेंं एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और संबंधित पटवारी अवैध बसाहट के लिए जिम्मेदार हैं।

इस तरह बढ़ रही अवैध बसाहट
-30 हजार की आबादी के शहर को क्वारी नदी दो भागों में विभाजित करती है।
-मंडी क्षेत्र में कुछ जगह शासकीय कार्यालयों की है, बाकी की जगह में अवैध मकान हैं।
-क्वारी नदी के किनारे की जमीनों को कब्जाकर अवैध भूखंड विकसित किए जा रहे हैं।
-अधिकतर नई कॉलोनियां कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन के बसाई जा रही हैं।
-नोटरी के आधार पर जमीनों की अधिकतर खरीद-फरोख्त हो रही है।

यहां सबसे ज्यादा अवैध मकान
–एक हजार से अधिक अवैध घर अके ले मंडी बोर्ड क्षेत्र की जगह पर हैं।
-लाडपुरा मौजे में शासकीय जमीन पर कब्जा करके कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं।
-दोनों ही जगहों पर 90 फीसदी भूखंड नोटरी के आधार पर बिक रहे हैं।
-प्रहलादपुरा विद्यालय के पीछे और क्वारी नदी के किनारे अवैध भूखंड विक्रय किए जा रहे हैं।

यह कार्रवाई हुई अब तक
-वर्ष 2016-17 में तत्कालीन एसडीएम लोकेश जांगिड़ ने डायवर्सन को लेकर कार्रवाई की थी।
-150 भू स्वामियों ने अर्थदंड के साथ शुल्क जमा करके डायवर्सन कराए थे।
-इसके बाद से प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

यह है नियम
-कृषि भूमि का आवासीय उपयोग करने के लिए एसडीएम कार्यालय से डायवर्सन कराना अनिवार्य है।
-डायवर्सन के लिए शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के आधार पर शुल्क जमा होता है।
-खाली भूमि के डायवर्सन की दर अलग और निर्मित मकान आदि की दर अलग होती है।

एक नजर में शहर
-शहर की आबादी 30 हजार से अधिक है।
-पांच हजार मकान चिन्हित हैं।
-नगर परिषद में 15 वार्ड हैं।
-शहर विजयपुर और मंडी दो भाग में बंटा है।
-शहर दो किलोमीटर चौड़ाई और 6 किलोमीटर लंबाई में बसा है।

वर्सन
-शहर की पूरी वैध और अवैध बसाहट की जानकारी सूचीबद्ध कराने के लिए निर्देश दिए जाएंगे। यह भी सूची तैयार कराई जाएगी कि कितने मकानों का डायवर्सन हुआ है और कितने बगैर डायवर्सन के निर्मित हुए हैं। अवैध घरों को वैध करने के लिए निर्धारित शुल्क और अर्थदंड जमा करवाने की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
नीरज शर्मा, एसडीएम-विजयपुर

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