ये सनसनीखेज मामला जिले के अंतर्गत आने वाले डबरा सिटी थाना इलाके का है, जहां तीन दिन पहले प्रेम नारायण श्रीवास्तव नाम के एक रिटायर्ड नायब तहसीलदार की मौत हो गई थी। मृतक के दो बेटे हैं, जिनका नाम प्रदीप और भानू है। पिता की मौत के बाद दोनों ही इस आस में बैठे थे कि उनके पिता जल्दी ही दौबारा जिंदा हो जाएंगे। इसी के चलते उन्होंने पिता के शव का तीन दिन तक अंतिम संस्कार ही नहीं किया।
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स्थानीय लोगों से मिली सूचना के आधार पर जब डबरा पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो उसके भी होश उड़ गए। रिटायर्ड नायब तहसीलदार का शव घर के बीचो बीच रखे एक सोफे पर पड़ा सड़ रहा था। यहां तक की उसपर मक्खियां तक भिनक रही थीं और पूरे घर में शव सड़ने की बदबू बुरी तरह से फैल रही थी। बावजूद इसके दोनों बेटे घर में मौजूद थे और वो मानने को राजी नहीं थे कि उनके पिता अब लौटकर नहीं आएंगे। हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मृतक के अन्य परिजन को बुलाया गया और पोस्टमार्टम के बाद उन्हीं को शव अंतिम संस्कार के लिए सौंपा गया।
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मामले को लेकर डबरा थाना प्रभारी यशवंत गोयल का कहना है कि रिटायर्ड नायब तहसीलदार की स्वाभाविक मौत हुई है, लेकिन बच्चों को आस थी कि उनके पिता दोबारा जिंदा हो जाएंगे। इसलिए उन्होंने पिता का शव घर में रखा हुआ था। बच्चे मानने को तैयार नहीं थे कि अब उनके पिा इस दुनिया में नहीं रहे। ऐसे में पुलिस ने अन्य परिजन से संपर्क कर उन्हें स्थिति से अवगत काया। लंबी समझाइश के बाद बुजुर्ग का शव अंतिम संस्कार के लिए परिजन को दिया गया। फिलहाल, पुलिस की निगरानी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।