दो चरण में होगा प्रशिक्षण
राज्य शिक्षा केन्द्र के मुताबिक पहले चरण में प्रदेश स्तर पर हर जिले से दो शिक्षकों व दो एमआरसी को जिला मास्टर ट्रेनर्स के रूप में ब्रेललिपि और सांकेतिक भाषा का 8 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। द्वितीय चरण में हर जिले में 30 शिक्षकों को ब्रेललिपि और 30 शिक्षकों को सांकेतिक भाषा का 5-5 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए 55 वर्ष से कम आयु के शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
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यह सिखाया जाएगा प्रशिक्षण में
-ब्रेल सिखाने के स्मार्ट तरीके
-ब्रेललिपि का इतिहास, किट का परिचय और सामग्री का उपयोग
-मोबिलिटी गतिविधि-ब्लाइंड फोल्ड और सेंसरी प्रशिक्षण
-दृष्टिबाधित बच्चों के लिए समावेशित शिक्षा
-हिंदी-अंग्रेजी वर्णमाला के डॉट्स सिखाना
-कम्प्यूटर, सॉफ्टवेयर के उपयोग की जानकारी
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शिक्षकों का चयन कर लिया है
डीपीसीप्रवीण सिंह तोमर का कहना है कि, जहां दृष्टिबाधित और श्रवणबाधित छात्र अध्ययनरत हैं, उन विद्यालयों से शिक्षकों का चयन कर लिया गया है। तय तिथि पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गईं हैं।
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