ग्वालियर। बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण सब के लिए खतरा बन चुका है, जिस रफ्तार से वातावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है। उससे आने वाले समय में इंसान के लिए जीना मुश्किल हो जाएगा। पिछले 64 सालों में इंसान ने पर्यावरण में कार्बन की मात्रा को बढ़ाने में योगदान दिया है। वह मनुष्य के जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है। यह बात एक्सपर्ट के रूप में उपस्थित डॉ. एसपी वाजपेयी ने सेमिनार के दौरान कही। एमिटी यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे इंस्पायरÓ इंटर्नशिप प्रोग्राम में एक्सपर्ट ने साइंस की बारिकियों से सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम में डॉ. वाजपेयी ने बढ़ते तापमान और औद्योगीकरण के बढ़ते चरणों पर चिंता व्यक्त की और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के उपाए बताए। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन का कम से कम इस्तेमाल करें। साथ ही हर मनुष्य कम से कम एक पौधा जरूर लगाए। इसके बाद डीआरडीई के डायरेक्टर डॉ. लोकेंद्र सिंह ने बायोडिगेटर के स्वच्छ भारत अभियान में महत्व के बारे में बताया। उन्होंने भारत में सफाई और कूड़े के बेहतर निस्तारण की समस्याओं के बारे में कहा कि भारत के 60 फीसदी घरों में सफाई और कूड़ा निस्तारण की सुविधा ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बायोडिगेटर एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। जीवन होता है प्रभावित डॉ. एमपी कौशिक ने साइंस-शक्ति का स्रोत विषय पर प्रतिभागियों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान कई रूपों में हमारे जीवन को प्रभावित करता है। चाहें वह रोजमर्रा की वस्तुएं हों या फिर जिंदगी बचाने वाली दवाएं। वहीं दिल्ली से डॉ. मीताली मुखर्जी ने कनेक्टिंग साइंस थ्रू जीमोमिक्स पर व्याख्यान दिया। उन्होंंने बताया कि जीनोमिक्स किस तरह मानव जीवन, पशु जीवन और जीवन चक्र के कर्ई रहस्यों को उजागर करने में सहायक है।