अगर कोई प्रतिष्ठान संचालक समझाइश को न माने तो पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए प्रतिष्ठानों के बाद गोले बनाकर रखे जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का काम शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत और जनपद पंचायत के माध्यम से कराया जाए। यह निर्देश कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर की तैयारी को लेकर कंट्रोल कमांड सेंटर पर हुई पहली बैठक में दिये है।
सोमवार को हुई बैठक में सभी इंसीडेंट कमांडरों के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी निगमायुक्त किशोर कान्याल, जिपं सीईओ आशीष तिवारी, सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह, एडीएम एचबी शर्मा, एडीएम डॉ. इच्छित गढ़पाले, एएसपी हितिका वासल के अलावा प्रशासन और पुलिस के अन्य अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से कहा कि आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है, इसलिए अब कोरोनों को लेकर जिस तरह से दूसरी लहर के लिए व्यवस्थाएं की थीं, उसी तरह से व्यवस्थाएं फिर करना है, इसलिए अब सभी मुस्तैदी के साथ अलर्ट मोड में आ जाएं। इंसीडेंट कमांडर अपने अपने क्षेत्र की कमान संभालें। कंट्रोल कमांड सेंटर भी पहले की तरह चौकस हो जाएं और सभी फीवर क्लीनिक प्रारंभ करके सैंपलिंग कराई जाए। कोविड संक्रमण से संबंधित जानकारियों को मीडिया से साझा करने के लिए डॉ. बिंदु सिंघल को जिम्मेदारी दी गई है।
ये पांच निर्देश जिन पर करना है सभी को काम
अस्पतालों में व्यवस्था
-सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड उपचार के सभी प्रबंधों को चेक किया जाएगा।
– ऑक्सीजन प्लांटों की कार्यक्षमता और दवाओं की व्यवस्था का परीक्षण किया जाएगा।
– तीसरी लहर में बच्चों को ध्यान में रखकर इंतजाम पर फोकस रहेगा।
एंबुलेंस की उपलब्धता
-संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना के साथ एंबुलेंस की मांग बढ़ेगी।
-संभावित संख्या को ध्यान में रखकर एंबुलेंस की उपलब्धता तय की जाएगी।
-शासकीय एंबुलेंसों के अलावा निजी निजी एंबूलेंसों संचालकों से भी अनुबंध किया जाएगा।
कोविड केयर सेंटर
-शहर और विकासखंड स्तर पर कोविड केयर सेंटर स्थापित करने का काम शुरू होगा।
-वीडियो कॉलिंग के जरिये स्वास्थ्य संबंधित सलाह दी जाएगी।
– कंट्रोल कमाण्ड सेंटर के अलावा अन्य स्थानों पर टेली कॉलिंग शुरू होगी।