तस्वीर के वापस आने पर रेलवे अधिकारी अपनी बातों में फंस गए हैं। रेलवे पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को कहा था कि ऐसी कोई तस्वीर स्टेशन की दीवार पर नहीं थी। तस्वीर मिलने पर उनका कहना था कि कुछ महीने पहले रेलवे स्टेशन पर रिनोवेशन का काम हुआ था, जिस जगह तस्वीर लगी थी वहां टाइल्स लगाए थे, इसलिए उसे उतारा गया था। उधर दूसरे रेल अधिकारियों का कहना है कि तस्वीर को जिस अधिकारी ने उतरवाया था वह सेवानिवृत हो गए। उसके बाद किसी ने ध्यान नहीं दिया। सोमवार को मामले ने तूल पकड़ा तो तस्वीर को ढूंढा गया।
– तस्वीर कहां रखी थी, रेलवे स्टेशन के स्टोर में थी तो सवाल उठने पर तुरंत सामने क्यों नहीं लाए।
– तस्वीर किस हालत में है इसकी जानकारी रही है, इसलिए 24 घंटे का वक्त मांगा गया था।
– रेल अधिकारी दो तरह की बातें क्यों करते रहे, कुछ रेलवे स्टेशन पर तस्वीर होने से इनकार करते रहे, जबकि दूसरे अधिकारी एक दिन में उसे सामने लाने का भरोसा दिलाते रहे।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा ने कहा है रेलवे स्टेशन पर माधवराव सिंधिया प्रथम की तस्वीर इसलिए लगाई गई थी, जिससे स्टेशन पर आने जाने वालों को ऐतिहासिक जानकारी मिले। दीवार से गायब हुई तस्वीर को वहीं लगाकर रेल प्रशासन ने भूल सुधार की है।