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दुनिया में मौजूद ऐशों आराम की सभी चीज़ें खरीदने के लिए इंसान पैसे के पीछे भागता रहता है जबकि,धन की प्राप्ति भी इंसान की राशि और उसके गृह ही तय करते हैं। माता को समर्पित 9 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में माता के नौ रुपों की विशेष पूजा की जाती है। इसमें प्रत्येक दिन एक देवी को समर्पित होता है जो कि अपने भक्तों का अभीष्ट सिद्ध कर अनुग्रहीत करती हैं।
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वैसे तो मां दुर्गा की पूजा किसी भी रूप में करने पर मां को स्वीकार होता है लेकिन अगर आप अपनी राशि के हिसाब से पूजा-पाठ करें तो वह आपके लिए विशेष उपयोगी हो सकता है। पंडित राधे महाराज ने बताया कि मेष राशि यदि मेष राशि के लोग स्कंद माता की विशेष पूजा करें तो उनके सपने जल्द ही पूरे हो सकते हैं। ऐसे ही यदि आप राशि के हिसाब से माता की पूजा करेंगे तो जल्द ही आपकी किस्मत बदल जाएगी।30 मार्च से 5 अप्रैल तक,चमक जाएगा 2 राशियों का भाग्य क्या आप भी हैं शामिल
हर रोज नियमित पूजा
नवरात्र में वैष्णो देवी माता के पूजा-अर्चना का समय बदल दिया गया है। अब मां को 30 मिनट का दोपहर का विश्राम कराया जा रहा है। हर रोज नियमित पूजा सुबह 6 बजे मंगल आरती के साथ शुरू होकर पट खोले जाते हैं। यह पट दोपहर 12 बजे तक बंद होते थे। इसके बाद शाम 4 बजे से 8 बजे तक दर्शन का समय होता था। शाम को आठ बजे पूजा के बाद पट बंद करके मंदिर बंद कर दिया जाता था। नवरात्र में मां को सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में जगाया जाता है। 5 बजे तक स्नान आदि के बाद मंगल आरती होती है। सुबह 8 बजे हवन के साथ हलुआ का भोग लगाया जाता है। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे से 1 बजे तक 30 मिनट के लिए मां को दोपहर का भाग लगाकर विश्राम कराया जाता है। मंदिर के पुजारी लक्ष्मण दास शर्मा का कहना है कि 1 बजे से रात 11 बजे तक मां दर्शन दे रही हैं। इसी बीच शाम को 6 बजे संध्या आरती और रात 11 बजे शयन आरती कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि तीस साल बाद शनि मंगल के द्वधं योग में नवरात्र सात मार्च से मंगल गृह वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश कर गया था। धनु राशि में पहले से ही विराजमान शानि के कारण शनि मंगल द्वधं योग बना हुआ है जो 30 साल बाद नवरात्री पर बना हुआ है। यह योग 57 दिन रहेगा जो कि 2 मई को पूरा होगा। पंडित सतीश सोनी के अनुसार शनि और मंगल दाोनों एक दूसरे के विरोधी हैं और उनमें हमेशा शत्रुता रहती है इसलिए किसी जातक की कुंडली में यदि यह दोनों गृह साथ होने से उसके जीवन को कष्टकारी बनाते है। भले ही जातक की कुंडली में यह दोनों गृह शुभभाव में बैठे हो तब भी जातक के जीवन में यह उथल-पुथल मचाते रहते हैं। साथ ही यह राशियो पर भी बड़ा प्रभाव डालते हैं।
मेष राशि : यदि मेष राशि के लोग स्कंद माता की विशेष पूजा करें तो उनके सपने जल्द ही पूरे हो सकते हैं। वृषभ राशि : यदि इस राषि चक्र के लोग माता के महागौरी स्वरुप की विशेष पूजा करें तो उन्हें वांछित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
शक्ति की भक्ति में डूबे जनमानस के मन में श्रद्धा का भाव नवरात्र शुरू होते ही हर तरफ देखा जा रहा है। लोग मां की पूजा-अर्चना कर लाभ लेकर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। ग्वालियर शहर के प्रसिद्ध देवी मंदिरों पर श्रद्धालुओं का अल सुबह से आना ही शुरू हो जाता है जो कि देर रात तक चलता रहता है। झांसी रोड स्थित वैष्णो देवी मां के दर्शन करने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में मां के भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं।