सागर हादसे के बाद लोक शिक्षण आयुक्त ने एक दिन पहले ही जर्जर स्कूलों में कक्षा न लगाने के निर्देश दिए थे। फिर भी प्रबंधन कक्षा लगा रहा था। अब डीपीसी और डीईओ 50 जर्जर भवनों में स्कूल लगाने की बात कर रहे हैं।
डीईओ अजय कटियार का कहना है, स्कूल प्रभारी व डीपीसी को नोटिस देंगे। मुरार के जर्जर स्कूल के बरामदे में कक्षा 4 से 5 और कमरे में कक्षा 1 से 3 के बच्चे पढ़ते हैं। मंगलवार 6 अगस्त को स्कूल के 24 में से 19 बच्चे पहुंचे थे। शाम 4.30 बजे छुट्टी हुई, 4.45 बजे छत गिर गई।
इधर राजधानी भोपाल में जर्जर भवनों पर कार्रवाई शुरू
जिला प्रशासन ने मंगलवार 6 अगस्त को राजधानी
भोपाल के जर्जर भवनों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में 37 आंगनबाड़ियों को अन्य भवनों में शिफ्ट किया गया। साथ ही पुराने शहर के 3 स्कूलों के जर्जर भवनों को सील कर दिया गया। छात्रों की आवाजाही रोक दी गई है।
पत्रिका ने उठाया था मामला
इसके अलावा हमीदिया गर्ल्स स्कूल की दीवार गिरा दी गई है। पत्रिका ने शहर के जर्जर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। बैरसिया एसडीएम दीपक पांडेय ने बताया कि जर्जर 30 आंगनबाड़ी भवनों को दूसरी जगह किया शिफ्ट कर दिया गया। स्कूलों के जर्जर हिस्से को खाली कराया है।
आंगनवाड़ियों को भी कराया शिफ्ट
टीटी नगर एसडीएम अर्चना रावत शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में भी जांच हुई है। गोविंदपुरा एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने 7 आंगनबाड़ी भवनों को अन्य भवनों में शिफ्ट करा दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार ने बताया कि पुराने शहर के 3 स्कूल- जहांगीरिया, हमीदिया1 और हमीदिया-2 के जर्जर हिस्से को सील कर कर दिया गया।
6 साल से सड़क की तरफ झुकी थी दीवार
हमीदिया गर्ल्स स्कूल (Hamidiya Girls School) की फ्रंट वॉल को मंगलवार 6 अगस्त को गिरा दिया गया। यह 22 फीट ऊंची जर्जर दीवार 6 साल से यह दीवार सड़क की तरफ झुकी हुई थी। इसके अलावा स्कूल की एक अन्य दीवार भी सड़क की तरफ है जो पिछले एक साल से सड़क की और झुक रही है।
1870 की बिल्डिंग, यहां पूर्व राष्ट्रपति ने की है पढ़ाई
शाहजहां बेगम (Shahjahan Beghum) के समय की बनी यह बिल्डिंग 1870 के समय की है। यहां पर शमला परिवार रहा करता था, यह परिवार जब शमला कोठी चला गया, उसके बाद यहां पर स्कूल शुरू हुआ। जहांगीरिया स्कूल हेरिटेज (Heritage Jahangiriya School) है। इस स्कूल में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा (Former President Dr. Shankar Dayal Sharma) पढ़े थे। मिसरोद में 70 साल पुराने जर्जर भवन में लग रहा स्कूल
सिवनी.
मध्य प्रदेश के सिवनी मालवा तहसील के ग्राम मिसरोद के शासकीय हायर सेकंड्री स्कूल की हालत दयनीय स्थिति में है। लगभग 70 साल पुराने स्कूल के 7 कमरे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। इसके बावजूद यहां क्लासेस लगाई जा रही हैं। क्योंकि बच्चों के बैठने के लिए कोई जगह विद्यालय के पास नहीं है। दरकती छत उस समय खतरनाक सिद्ध होती है, जब तेज बारिश ओर बिजली की गड़गड़ाहट होती। तब स्टूडेंट्स सहम जाते हैं कि कही छत गिर न जाए।
टपकती छत में पन्नी लगाकर पढ़ाई
टपकती छत में पन्नी लगाकर पानी की बूंद रोकने का प्रयास तो किया लेकिन अधिक पानी होने के कारण पन्नी से पानी सीधे छात्र-छात्राओं पर गिरता है। इस मामले में प्राचार्य ने स्कूल प्रशासन से पत्राचार किया। लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।