सवालों के जवाब जो आप जानना चाहते हैं
Q. प्रतिनिधि- चैकिंग के दौरान जब्त रकम कैसे मिल सकेगी?
A. कलेक्टर- जब्त होने के बाद जिला पंचायत सीईओ (नोडल अधिकारी) के यहां दस्तावेज पेश करने के बाद ही रकम वापस मिल सकेगी। यहां पर हिसाब नहीं दे पाए नगदी को जब्त किया जाएगा। 50 हजार रुपए भी लेकर चल रहे हैं तो उनकी एंट्री रजिस्टर में होगी। राशि ले जाने वाले का नाम दर्ज किया जाएगा।
Q. प्रतिनिधि- टास्क फोर्स किया है। ये कैसे नगदी को जब्त करेंगे?
A. कलेक्टर- जिले में 29 नाके बनाए हैं। यहां पर टास्क फोर्स बिठाया गया है। कैमरे लगे हैं। यदि गाड़ी में चार लोगों से 52 हजार रुपए जब्त हुए हैं, तो उसका हिसाब देना होगा। नहीं तो राशि जब्त होगी।
Q. प्रतिनिधि- नामांकन के दौरान कौन-कौनसे खर्च जोड़े जाएंगे?
A. कलेक्टर- नामांकन के दौरान जितनी भी गाडिय़ां लेकर चल रहे हैं। उनकी इजाजत लेनी होगी। सभी गाडियों के खर्च जोड़े जाएंगे। गाडिय़ां काफिले के रूप में नहीं चल सकती हैं। तीन गाडियों के बीच 100 मीटर का फसला होना चाहिए।
Q. प्रतिनिधि- किसी घर पर पार्टी का झंडा लगा सकते हैं?
A. कलेक्टर- यदि किसी के घर पर एक झंडा लगाया जाता है तो उसकी अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। प्रत्याशी की बिना अनुमति के वह प्रचार सामग्री नहीं लगा सकता है। उसके लिए प्रत्याशी की अनुमति होना जरूरी है।
Q. प्रतिनिधि- होर्डिंग-पोस्टर लगाने अनुमति जरूरी है?
A. कलेक्टर- संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत यदि संपत्ति पर कुछ लिखा गया या होर्डिंग्स लगाया है तो उसकी इजाजत लेनी पड़ेगी। अनुमति की जानकारी रिटर्निंग ऑफिस के यहां जमा करनी होगी।
Q. प्रतिनिधि: होर्डिंग के लिए और क्या नियम हैं?
A. कलेक्टर: होर्डिंग्स पर नगर निगम के रेट लागू होंगे। होर्डिंग्स का जो स्थान मौजूद है, उसका 15 फीसदी ही प्रत्याशी को मिलेगा। यदि जगह खाली हुई तो 30 फीसदी तक किया जा सकता है। होर्डिंग्स के प्रिंट लाइन में बनाने वाले का नाम होना चाहिए।
Q. प्रतिनिधि: प्रत्याशी आपराधिक प्रकरण की जानकारी कब देगा?
A. कलेक्टर- यदि पुलिस जांच में अपराध नहीं बना है तो जानकारी जरूरी नहीं। कोर्ट में खात्मा पेश कर दी है, लेकिन प्रकरण लंबित है तो उसकी जानकारी देनी होगी। एफआईआर होने पर जांच चल रही है तो उसकी जानकारी आवश्यक नहीं है।
Q. प्रतिनिधि- प्रत्याशी एक बार कितनी नगद राशि खर्च कर सकता है?
A. कलेक्टर- नगद राशि की सीमा 10 हजार रुपए रखी गई है। जैसे कि चाय पिलाई है तो चाय पर 10 हजार रुपए नगद खर्च कर सकता है। चुनाव प्रचार में 40 लाख रुपए खर्च किए जा सकते हैं।
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