शहीद उमेश बाबू दौरे के नाम से मार्ग का नाम
भिण्ड . adg सय्यद मोहम्मद अफजल में गुरुवार की दोपहर शहीद उमेश बाबू दोहरे की पत्नी गुड्डी को ₹100000 अंतिम संस्कार के लिए और ₹500000 सम्मान निधि के अलावा 1000000 रुपए अनुग्रह राशि के रूप में तीन अलग-अलग चेक दिए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके एक बेटे को नौकरी और उनके इलाके की सड़क का नामकरण उमेश बाबू दौरे के नाम से किया जाएगा। पीड़ित परिवार के एक सदस्य के नाम शस्त्र लाइसेंस भी दिया जाएगा वही उमेश बाबू की पत्नी गुड्डी देवी को सर्विस अवधि तक पूरी तनख्वाह और पेंशन अलग से प्रदान की जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा सम्मान निधि के रूप में 10000000 रुपए देने की घोषणा एक दिन पूर्व ही CM ने ट्वीट कर दे दी है।
एडीजीपी एस.एम अफजल ने अंतिम संस्कार से पूर्व शहीद प्रधान आरक्षक उमेश बाबू के बड़े बेटे सोनू दोहरे को उसके लिए शस्त्र लाइसेंस उपलब्ध कराने की अनुशंसा पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अलवारेस से की है। इस दौरान उन्होंने विभागीय स्तर पर अनुकंपा नियुक्ति की कार्यवाही आगे बढ़ाने का आश्वासन भी दिया। अंतिम संस्कार के दौरान एडीजीपी के अलावा आईजी संतोष कुमार सिंह डीआईजी सुधीर विलार्ड एसएएफ कमांडेंट पंकज कुमावत, पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अलवारेस और भिंड एसपी गुरचरण सिंह सहित जिले भर के पुलिस अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। चिता को मुखाग्नि उमेश बाबू दौरे के बड़े बेटे सोनू दोहरे ने दी ।
यूं हुई थी उमेशबाबू की हत्या
एचसीएम उमेशबाबू थाने का कागजी काम निपटाने में लीन थे। वहीं आरक्षक गजराज सिंह उनके पास में बैठकर मोबाइल पर बात कर रहा था। हालांकि यहां दो प्रकार की लापरवाही बरती गई। एक तो आरोपी को लॉकअप में बंद नहीं किया गया। दूसरा यदि उसे परिसर में बिठाया गया था तो उसकी निगहबानी की जानी चाहिए थी। एचसीएम को काम में व्यस्त और आरक्षक को मोबाइल पर बात करता देखा तो आरोपी ने मौका देखकर हमला कर दिया। विदित हो कि आरक्षक जिला अस्पताल में उपचाररत है जबकि एचसएम उमेशबाबू दोहरे की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई।
बेरोजगार हैं उमेशबाबू के तीनों बेटे : उमेशबाबू दोहरे अपनी पुलिस की नौकरी से ही 10 सदस्यीय परिवार का लालन पालन कर रहे थे। वे अपनी बेटी रैनू की शादी कर चुके थे। उनके दो बेटे सोनू दोहरे 34 एवं मौनू दोहरे 26 पढ़ाई खत्म करने के बाद बेरोजगार हैं और दोनों विवाहित हैं। सोनू का एक बेटा 10 साल का है तथा बेटी पांच वर्ष की है। मौनू को एक तीन साल का बेटा है उसकी पत्नी का एक साल पूर्व दिल का दौरा पडऩे से देहांत हो चुका है। तीसरा 23 वर्षीय बेटा रजत बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है। पत्नी राजकुमारी उर्फ गुड्डी सहित उमेशबाबू का कुल 10 सदस्यीय परिवार है।
थाना प्रभारी की लापरवाही से हुई हत्या
मृतक उमेशबाबू के भाई रमेश दोहरे का आरोप है कि ऊमरी थाना प्रभारी ने आरोपी विष्णु सिंह राजावत को बिना अपराध दर्ज किए बिठाए हुए थे। यदि उसके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया होता तो वह हवालात के अंदर होता। उसके भाई की हत्या थाना प्रभारी की लापरवाही के कारण हुई है।