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ग्वालियर के पुरखे: माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर को दिलाई नई पहचान

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया राजघराने से जरूर थे, मगर वे हमेशा विकास व गरीबों की हित की सोचते थे।

ग्वालियरOct 12, 2015 / 12:11 pm

ग्वालियर ऑनलाइन

madhav rao scindia

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ग्वालियर। रेल स्प्रिंग कारखाना हो या एस्ट्रो टर्फ रेलवे हॉकी स्टेडियम। एेसी एक नहीं, शहर के लिए कई उपलब्धियां हैं, जिनको देखते ही हमें माधवराव सिंधिया की याद आ जाती है। ग्वालियर महाराज व पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया राजघराने से जरूर थे, मगर वे हमेशा विकास व गरीबों की हित की सोचते थे।

 ग्वालियर शहर उनके योगदान को कभी भूला नहीं सकता। उन्होंने ग्वालियर को विश्व में अलग पहचान दिलाई। उनकी खासियत थी कि वे कांग्रेस के हर कार्यकर्ता को नाम से जानते थे। वे कभी भी उनके घर बगैर बताए पहुंच जाते थे। यही कारण था कि वे आमजन के बीच काफी लोकप्रिय हो गए थे।

खेल को हमेशा दिया बढ़ावा

उनके नजदीकी बताते हैं कि मुंबई में 10 मार्च 1945 को जन्मे माधवराव सिंधिया एक अच्छे राजनीतिज्ञ के साथ ही एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। वे हमेशा खेल को बढ़ावा देते थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एमपीसीए की कप्तानी कर माधव राव सिंधिया ने कई मैच जिताए थे।

क्रिकेट के साथ ही उनकी रूचि बैडमिंटन में भी थी। यहीं वजह रही कि उन्होंने ग्वालियर को एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान रूपसिंह स्टेडियम के रूप में दी। रेलवे स्प्रिंग कारखाना सिथौली में खुला, जिसमें काफी स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला।

औद्योगिक क्षेत्र को दिलाया बढ़ावा

वे बताते हैं कि ग्वालियर में आईआईआईटीएम, आईएचएम तथा एलएनयूपीई जैसे आधुनिक शिक्षा वाले संस्थान दिए, ताकि यहां से निकले बच्चे देश-दुनिया में ग्वालियर का परचम लहरा सकें। उन्होंने ग्वालियर के साथ चंबल अंचल में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया। मालनपुर-बानमौर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया।


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