1952 में ग्वालियर लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे। तब यहां हिंदू महासभा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद ज्यादातर समय सिंधिया राजघराने का ही कब्जा रहा है। 1962 में राजमाता विजया राजे सिंधिया जीती थी। उनके सामने हिंदू महासभा से नरसिंह जोशी मैदान में उतरे थे, लेकिन वे जीत नहीं सके थे। इसके बाद से आज तक कोई भी हिंदू महासभा का प्रत्याशी सांसद नहीं बन सका।
1984 से लेकर 1998 तक बेटे माधवराव सिंधिया और 2007 और 2009 में यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव जीत चुकी हैं। हालांकि, विजयाराजे और उनके बेटे माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस के लिए ग्वालियर सीट जीती तो वहीं बेटी यशोधरा राजे ने भाजपा के लिए जीत दर्ज की।
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ग्वालियर लोकसभा सीट में कुल 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें ग्वालियर की 6 और शिवपुरी जिले की 2 विधानसभा सीट हैं। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में सभी विधानसभा सीटों पर मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल भाजपा और कांग्रेस में बराबर का मुकाबला रहा. 8 में से 4 सीटों पर कांग्रेस और 4 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
साल | विजेता | पार्टी |
1952 | वीजी देशपांडे | हिंदू महासभा |
1952(उपचुनाव) | नारायण भास्कर खरे | हिंदू महासभा |
1957 | सूरज प्रसाद | कांग्रेस |
1962 | विजयाराजे सिंधिया | कांग्रेस |
1967 | राम अवतार शर्मा | भारतीय जनसंघ |
1971 | अटल बिहारी वाजपेयी | भारतीय जनसंघ |
1977 | नारायण शेजवलकर | जनता पार्टी |
1980 | नारायण शेजवलकर | जनता पार्टी |
1984 | माधवराव सिंधिया | कांग्रेस |
1989 | माधवराव सिंधिया | कांग्रेस |
1991 | माधवराव सिंधिया | कांग्रेस |
1996 | माधवराव सिंधिया | कांग्रेस |
1998 | माधवराव सिंधिया | कांग्रेस |
1999 | जयभान सिंह पवैया | भाजपा |
2004 | रामसेवक सिंह | कांग्रेस |
2007(उपचुनाव) | यशोधरा राजे सिंधिया | भाजपा |
2009 | यशोधरा राजे सिंधिया | भाजपा |
2014 | नरेंद्र सिंह तोमर | भाजपा |
2019 | विवेक शेजवलकर | भाजपा |
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