गौरतलब है कि पूर्व में भाजपा की सरकार ने मालनपुर को नगर परिषद बनाने का आदेश जारी कर दिया था। और नगर परिषद स्तर पर शराब की दुकानें हाइवे पर संचालित हो सकती हैं। लेकिन चुनाव बाद कांग्रेस सरकार बनते ही भाजपा के आदेश को निरस्त कर मालनपुर को फिर से ग्राम पंचायत बना दिया गया। और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नगरीय क्षेत्र को छोड़कर कहीं भी नेशनल हाइवे के किनारे शराब की दुकान खोलने की अनुमति नहीं है। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ कहा गया है कि हाइवे से 220 मीटर की दूरी पर शराब की दुकान खोली जा सकती हैं। लेकिन मालनपुर में अंग्रेजी शराब की दुकान व हरिराम की कुइया पर देशी शराब की दुकान का संचालन हाइवे पर ही किया जा रहा है।
आबकारी विभाग के नोटिस के बाद भी नहीं हटी दुकान-
आबकारी विभाग द्वारा 15 दिन पूर्व ही दुाकन संचालकों को नोटिस जारी किया गया था कि 10 दिन के अंदर दुकानों को हटाया जाए। लेकिन अभी तक दुकानों को हटाने कोई प्रयास नहीं किया गया है। वहीं आबकारी विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते शराब दुकान संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। वहीं स्थानीय लोग इस अनियमितता को लेकर आबकारी विभाग पर भी मिलीभगत करने का आरोप लगा रहे हैं।
लॉकडाउन में मनमाने दामों पर हो रही शराब की बिक्री-
लॉकडाउन के दौर में शासन स्तर पर शराब की कीमतों में इजाफे को लेकर चर्चाएं चल रहीं हैं। लेकिन शासन के आदेश के पूर्व ही दुकान संचालकों ने शराब की बोतलों के मनमाने दाम वसूलना शुरूकर दिए हैं। देशी शराब को जो क्वार्टर 50 रूपए में बिकता था। उसे 100 रूपए की कीमत में बेचा जा रहा है। वहीं अंग्रेजी शराब की दुकानों पर भी यही हालात हैं। जहां 600 की बोतल 1200 में बेची जा रही है। इसी तरह दुकान संचालकों के द्वारा सभी तरह की बोतलों को दोगुनी कीमत में बेचा जा रहा है।
दुकान संचालकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। यदि अब भी दुकाने नहीं हटाई जा रही हैं। तो संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आरके तिवारी, आबकारी अधिकारी