पढ़ें ये खास खबर- सिंधिया ने लगाया जनता दरबार, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और महंगाई के सवाल को कर गए अनसुना
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सिंधिया ने खत्म की सौ सालों से चली आ रही धारणा
आपको बता दें कि, पिछले 100 सालों से ये मेला हर साल लगता आ रहा है, लेकिन अब तक सिंधिया घराने का कोई भी सदस्य इस मेले में खुले आम नहीं आया है। ऐसा कहा जाता है कि, सिंधिया घराने के महाराज अपना भेष बदलकर इस मेले का भ्रमण करने और स्थितियों का मुआयना करने आते थे। भेष बदलने की वजह ये थी कि, किसी को उनके आने और चीजों को परखने की खबर न हो। बताया जाता है कि, इस दौरान वो मेला की कमियों को परखकर उन्हें दूर किया करते थे। हालांकि, सिंधिया के इस मेले में खुले आम आने से पिछले सौ सालों की ये धारणा भी अब खत्म हो गई है।
मेला दुकानदारों को महाराज की नसीहत
ज्योतिरादित्य सिंधिया इस दौरान मेले की कई दुकानों पर मुआयने के लिये भी गए। इस दौरान उन्होंने दुकानदारों से चर्चा करते हुए कहा कि, ये मेला उन्हीं लोगों की कमाई के लिये लगवाया गया है। इसलिये यहां जमकर व्यापार करें और मास्क पहने रहें। इस दौरान सिंधिया ने मेले का भ्रमण करने आए सैलानियों को भी समझाइश देते हुए मास्क पहनने की अपील की और कहा कि, कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है।
भजन संध्या कार्यक्रम का किया शुभारंभ
अपने ग्वालियर अंचल के तीन दिवसीय दौरे के दौरान रात को मेला ग्राउंड स्थित श्रीमंत माधवराव सिंधिया व्यापार मेले पहुंचे। उनके पूर्वजों की देन ये मेला वैसे भी हमेशा सिंधिया घराने की आन-बान और शान माना गया है। यहां उन्होंने फेडरेशन हॉल में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के द्वारा भजन संध्या के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उनके साथ परिवहन मंत्री गोविंद सिंह और ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर भी मेले में मौजूद थे।
झूले में बैठकर देखा मेले का नजारा
व्यापारियों से बात करके ज्योतिरादित्य सिंधिया झूला सेक्टर पहुंच गए, यहां बड़े बड़े झूलों को देखकर वो खुद को रोक नहीं पाए और झूला झूलने की इच्छा जताई। इसपर झूला चालक ने उन्हें झूले में बैठाया। उनके झूले में बैठते ही उनके साथ मौजूद दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने भी झूले का आनंद लिया। वहीं सिंधिया के द्वारा मेले का आनंद उठाने के बाद कहा- इस मेले में कोई राजस्थान, कोई यूपी तो कोई मुंबई से आया है, यही इस मेले की भव्यता बढ़ाता है।