मुरार नदी के कार्य को लेकर भी लगाई फटकार
पहले फेज के कार्य की टाइम लाइन दें। वह मुरार नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 22 करोड़ की लागत से चल रहे निर्माण कार्य को देखने पहुंचे, जहां अधिकारियों से कहा कि आप पहले फेज का कार्य पूरा होने की टाइम लाइन दें, और सेकंड फेज का क्या प्लान है, और क्या-क्या काम की जरूरत होगी यह बताएं। मुरार नदी-स्वर्ण रेखा को वापस दिलाएंगे पुराना वैभव
सिंधिया ने कहा कि मुरार नदी की तर्ज पर अब हम स्वर्ण रेखा की भी सफाई कराएंगे। अब तक मुरार नदी व स्वर्ण रेखा को नाला कहकर बुलाया जाता था, उसे खत्म करते हुए नाले की जगह नदी का पुराना वैभव वापस दिलाया जाएगा।
तानसेन व जय विलास पैलेस द्वार बनकर तैयार
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 12 करोड़ 41 करोड़ की लागत से 4 प्रवेश द्वार बनाने की स्थिति देखी। अधिकारियों ने बताया कि इन चार द्वार में से 2 द्वार तानसेन एवं जय विलास पैलेस द्वार बनकर तैयार हो गए हैं। तीसरा द्वार जो ग्वालियर किले से प्रेरित है वह अभी निर्माणाधीन है। इस दौरान उन्होंने यहां काम कर रहे चंदेरी पत्थर शिल्प कारीगरों से बातचीत कर उनके कार्य की सराहना की।
आईएसबीटी पर गेट बदलने का दिया सुझाव
आईएसबीटी (ISBT Gwalior) का निरीक्षण करते हुए कहा कि 55 करोड़ से यहां एक आलीशान बस अड्डा बनाया जा रहा है, इससे ग्वालियर अनेक शहरों से जुड़ जाएगा। उन्होंने निर्माण कंपनी द्वारा स्टील के पिलर की जगह पत्थर का गेट बनाने को लेकर बदलाव करने को कहा।लेकिन अधिकारियों ने तकनीकी रूप से ऐसा संभव न होने की स्थिति बताई। वहीं एलिवेटेड रोड के कार्य को देख उन्होंने जल्द पूरा करने के लिए कहा।