ग्वालियर

नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर 70 दिन से नजरबंद, अब बहन ने पीएम मोदी से मांगी मदद

कतर सरकार ने 70 दिन से नेवी के 8 रिटायर्ड ऑफिसर को बंधक बना लिया है। यहां आपको बता दें कि 8 ऑफिसर को बंधक बनाने का मामला सामने आते ही भारत सरकार अपने स्तर पर इस मामले पर पूरी जानकारी जुटाने में लगी है। वहीं मध्यप्रदेश के एक ऑफिसर की बहन के ट्विट के बाद यह पता चल सका है कि इनमें से एक एमपी के ग्वालियर शहर के निवासी हैं, उन्हें 2019 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी मिल चुका है।

ग्वालियरNov 08, 2022 / 01:20 pm

shailendra tiwari

ग्वालियर। इंडियन नेवी के 8 रिटायर्ड ऑफिसर कतर में 70 दिन से नजरबंद हैं। इनमें से एक ऑफिसर मप्र के ग्वालियर के रहने वाले हैं। उनकी बहन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री से भाई की रिहाई के लिए मदद की गुहार लगाई है। बहन का कहना है कि भाई को न तो किसी से मिलने दिया जा रहा है, न ही उनके परिवार के पास जाने दिया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों कतर में गिरफ्तार किए गए इन 8 नेवी ऑफिसर पर सामने आए 8 ऑफिसर के नजरबंद किए जाने के इस मामले पर भारत सरकार का जवाब भी आया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी जानकारी दी थी कि भारतीय उच्चायोग कतर के उच्चायोग के संपर्क में बना हुआ है। हालांकि सरकार को अब तक इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है कि आखिर किन आरोपो मे उन्होंने गिरफ्तार किया है।

 

बहन ने ट्विट कर मांगी मदद
ग्वालियर के विंडसर हिल्स निवासी रिटायर्ड ऑफिसर पुर्णेन्दु तिवारी की बहन डॉ. मीतू भार्गव ने ट्विट कर मदद मांगी है। यह ट्विट उन्होंने पीएम को टैग करते हुए किया है। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है कि उनके भाई पुर्णेन्दु तिवारी इंडियन नेवी से रिटायर्ड ऑफिसर हैं। वह अपने 7 ऑफिसर्स के साथ कतर की कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसलटेंसी सर्विसेज के लिए काम करते हैं। पुर्णेन्दु इस कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। कंपनी की ओर से ये सभी 8 रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और दूसरी जरूरी सेवाएं देने गए थे। अब उन्हें सरकार ने निगरानी में लेकर अचानक ही नजरबंद कर दिया है।

70 दिन से अवैध तरीके से हिरासत में
एमपी के ऑफिसर का मामला तब सामने आया है, जब सीडीआर पुर्णेन्दु तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने ट्विट कर सरकार से मदद की गुहार लगाई। उनका कहना है कि भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके 8 लोगों को पिछले 70 दिन से दोहा में अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है।

अपने स्तर पर कर रही हैं प्रयास
अब भार्गव उन्हें वापस लाने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने ट्विट कर भारतीय दूतावास के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाई है कि उनके भाई सहित सभी 8 रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर को वे सकुशल रिहा करवाएं। उनका कहना है कि यह सभी रिटायर्ड भारतीय इंडियन नौसेना के अधिकारी रहे हैं और उम्रदराज होने के चलते एकांत कारावास में उनके सेहत पर भी बुरा प्रभाव पडऩे लगा है।

सुरक्षा से जुड़े काम करती है कंपनी
नौसेना के ये पूर्व अधिकारी जिस कंपनी में काम कर रहे थे वह कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों के ‘स्थानीय व्यापार भागीदार’ और रक्षा उपकरण संचालन तथा रखरखाव के रूप में सेवाएं देती है। ग्रुप के सीईओ, खामिस अल अजमी भी खुद रॉयल ओमान एयर फोर्स से एक रिटायर स्क्वाड्रन लीडर हैं।

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मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार का सम्मान
गिरफ्तार किए गए इन 8 भारतीयों में से एक फर्म के प्रबंध निदेशक कमांडर पुर्णेंदु तिवारी (रिटायर) को 2019 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया था। कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पूर्णेंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।

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कतर उच्चायोग से बना हुआ है लगातार संपर्क
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी जानकारी दी थी कि भारतीय उच्चायोग कतर के उच्चायोग के संपर्क में बना हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी ऑफिसर को सुरक्षित वापस लाने के लिए पूरी कोशिश जारी है। जल्द ही सभी को वापस लाया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि आखिर उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है।

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