इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों को 2.50 लाख रुपए तक किसी भी तरह का कोई रिटर्न दाखिल नहीं करना होता है। तय समय में रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले ऐसे करदाता जिनकी आय 5 लाख से कम है उन्हें 1000 और इससे ज्यादा की आय होने पर तय तारीख खत्म होने के बाद 5000 का जुर्माना लगेगा।
आयकर विभाग के
ग्वालियर रीजन में ग्वालियर, टीकमगढ़, छतरपुर, गुना, अशोकनगर, भिंड, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी व मुरैना के जिले आते हैं। ग्वालियर रीजन में करदाताओं की संख्या 4.70 लाख से अधिक की है, हालांकि अभी तक सिर्फ 35 फीसदी रिटर्न ही जमा हो सके हैं।
31 जुलाई तक रिटर्न भरने से समय पर मिलेगा रिफंड
- रिटर्न समय से भरने पर उसकी प्रोसेसिंग भी जल्दी होगी और इस स्थिति में अगर आपका रिफंड है तो वो जल्दी प्राप्त होता है।
- करदाता को हुए व्यापार के नुकसान को कैरी-फॉरवर्ड कर अगले साल में टैक्स को सेट-ऑफ करके टैक्स बचाया जा सकता है।
- लेट फीस एवं ब्याज की देयता से बचा जा सकता है।
- केपिटल गेन के नुकसान को भी केरी-फारवर्ड किया जा सकता है।
नई या पुरानी स्कीम किसमें जाएं
जानकारों के मुताबिक करदाता आयकर की गणना नई एवं पुरानी दोनों स्कीमों के तहत कर सकते हैं। जिस स्कीम में कम कर दायित्व आता हो, उसके तहत अपनी विवरणी दाखिल की जा सकती है। ऐसे करदाता जिनकी व्यापार से आय है, वह पुरानी स्कीम में एक बार अंदर जा सकते हैं एवं अंदर जाकर बाहर जा सकते हैं। एक्सपर्ट से सलाह लेकर अपनी स्कीम का चयन कर सकते हैं। पुरानी स्कीम लेने पर फॉर्म-10 आइइ भरना अनिवार्य कर दिया गया है।
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सभी आवश्यक जानकारी एकत्र करने और पिछले वर्ष में किए गए खर्चों का रिकॉर्ड बनाए रखने का कार्य कठिन हो सकता है, जिस कारण व्यक्ति फाइलिंग की समय सीमा से चूक सकते हैं। नतीजतन, कई व्यक्तियों को आयकर अधिकारियों की किसी भी प्रतिकूल कार्रवाई से बचने के लिए अपने टैक्स रिटर्न को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में आईटी डिपॉर्टमेंट ऐसे टैक्सपेयर्स को 31 दिसंबर से पहले बिलेटेड रिटर्न फाइल करने का मौका देती है।
तारीख बढ़ने की संभावना कम
जिन करदाताओं का ऑडिट नहीं होना है, उनके आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। समय रहते रिटर्न दाखिल करने से लेट फीस नहीं देना पड़ेगी। रिटर्न जमा करने की तारीख बढऩे की संभावना काफी कम है। रिटर्न दाखिल करने के दौरान कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। इनमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, फॉर्म-16, सैलरी स्लिप, बैंक या डाकघर से मिलने वाला ब्याज प्रमाण-पत्र, कर बचत निवेश प्रमाण और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम रसीदें आदि शामिल हैं।