ग्वालियर। उपभोक्ता फोरम ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) को निर्देश दिया है कि वह छात्रा उर्मिला कुशवाह द्वारा डीएड पाठ्यक्रम के लिए जमा की गई राशि 9000 रुपए 30 दिन के अंदर वापस करे। शिकायतकर्ता ने इग्नू द्वारा पुस्तकें नहीं भेजने और परीक्षा आयोजित नहीं करने पर एक लाख का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की गई थी।
शिकायतकर्ता उर्मिला कुशवाह ने एडवोकेट के माध्यम से प्रस्तुत आवेदन में कहा कि उसने इग्नू के क्षेत्रीय केन्द्र भोपाल के माध्यम से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एज्युकेशन कोर्स में प्रवेश के लिए वर्ष 2011 में ग्वालियर डाइट कॉलेज के माध्यम फीस जमा की थी। इसके लिए 9000 रुपए 8 जुलाई 2011 को जमा किए गए। इस पर उसे एनरोलमेंट नंबर आवंटित किया गया।
इसके बाद ग्वालियर स्थित केन्द्र पर लगातार संपर्क किया गया। उन्हें बताया गया कि शीघ्र ही कोर्स की पुस्तकें वितरित कर परीक्षा आयोजित की जाएगी। किंतु केन्द्र से न तो पुस्तकें मिली और न ही परीक्षा आयोजित की गई। इस पर इग्नू ने 6 जनवरी 14 को शिकायतकर्ता को पत्र लिखकर कहा कि 6000 रुपए जमा नहीं किए जाने के कारण उन्हें कोई सूचना दी गई है। केन्द्र द्वारा इस राशि की मांग की गई। शिकायतकर्ता का कहना था कि इग्नू ने तीन साल बाद एेसी सूचना देकर घोर उपेक्षा की है। यदि समय पर उसने यह कोर्स कर लिया होता तो वह सहायक अध्यापिका बनकर 14 हजार रुपए वेतन प्राप्त करती।
शिकायतकर्ता ने इस त्रुटि के लिए आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपए तथा प्रकरण व्यय तथा जमा शुल्क ब्याज सहित दिलाए जाने की मांग की। वहीं इग्नू का कहना था कि छात्रा की इस कोर्स में कोई रुचि नहीं थी।
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