उन्होंने पाकिस्तान बनने की वजह भी बताई. मोहन भागवत बोले- भारत क्यों टूटा, क्योंकि हिंदू अपने आप को भूल गए। मुसलमान खुद को भूल गए। मुसलमान कह सकते थे कि तुम अपने आप को हिंदू मत कहो, क्योंकि सारे वेद हमारी जमीन पर बने. जिससे तुम अपना हिंदू उच्चारण करते हो वह हिंदूकुश हमारे यहां है.
भागवत ने कहा कि अखंड भारत की कल्पना हमारी सत्यता और ध्येय से पूरी होती है। इतिहास गवाह है, जब-जब हिंदू के अंदर हिंदुत्व का भाव या ताकत कम हुई तो हिंदू की संख्या कम हुई। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा— जो विरोध करता है, वह विरोधी है। उससे संबंध नहीं रखना है। विरोधी कोई गड़बड़ करता है, तो उसे समाप्त कर देना चाहिए। इस बयान पर लोगों ने खूब तालियां बजाईं।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हम पश्चिमी देशों की तरह नहीं हैं जो अपने हितों और स्वार्थ के लिए संबंध रखते हैं। भारत ही एक मात्र ऐसा देश है, जिसके संस्कार सत्य और संबंध से बने हैं। यह जोड़ता है, तोड़ता नहीं। ग्लोबल मीट में अमेरिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा जब तक अमेरिका को आपसे नुकसान नहीं है तभी तक यह संबंध है. यदि नुकसान होगा, तो वह संबंध तोड़ने में जरा भी नहीं सोचेगा।