न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया ने यह आदेश देते हुए कहा है कि इस मामले में ट्रायल कोर्ट का जो रवैया रहा है उसे सराहा नहीं जा सकता। न्यायालय ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्योपुर को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले की ट्रायल कोर्ट की आर्डर शीट की प्रमाणित कॉपी प्रिंसिपल रलिजस्ट्रार विजिलेंस को कार्रवाई के लिए भेजें। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट को आदेश दिए हैं कि वह तत्काल कार्रवाई कर मामले का निराकरण करे। न्यायालय ने आदेश की कॉपी जिला न्यायाधीश श्योपुर को कार्रवाई के लिए भेजने के आदेश भी दिए हैं।
महिला आरक्षक द्वारा एडवोकेट रवि वल्लभ त्रिपाठी के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर मजिस्ट्रेट कोर्ट को मामले का शीघ्र निराकरण करने का निर्देश देने की अपील की थी। महिला आरक्षक द्वारा प्रधान आरक्षक सुरेंद्र सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ की शिकायत पर भादसं की धारा 354, 354 बी, 354 ए और 506 के तहत मामला दर्ज कर 21 जून 2017 को चार्जशीट पेश की गई थी। अभियोजन द्वारा आवेदन और एक सीडी पेश की गई। 10 अक्टूबर 2017 के बाद से इस पर सुनवाई के बजाए लगातार तारीख पर तारीख दी जा रही थी। इसके बाद प्रकरण 31 अक्टूबर 17, 6 दिसंबर 17, 28 फरवरी 18, 27 मार्च 18, 27 अप्रैल18, 19 जून 18, 31 जुलाई18 और 10 सितंबर 18 को सुनवाई के लिए लगाया गया। आरोपी को अभियोजन के आरोपों का जवाब देना था, लेकिन उसे अकारण समय दिया जाता रहा।