ग्वालियर

हाई कोर्ट नाराज, ‘फोटो-रिपोर्ट में न्यूयॉर्क जैसा ग्वालियर, जैसी झांकी कोर्ट में सजाई दिल्ली में भी दिखाई होगी’

शहर को अंधरे में रखे हैं, मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पा रहे, हर काम का फाउंडेशन ही कमजोर….स्वर्ण रेखा का सौंदर्यीकरण का मामला… शपथ पत्र देख हाईकोर्ट नाराज

ग्वालियरFeb 07, 2024 / 08:12 am

Sanjana Kumar

हाईकोर्ट की युगल पीठ ने स्वर्ण रेखा के सौंदर्यीकरण को लेकर पेश किए शपथ पत्रों पर फिर से नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि फोटो व रिपोर्ट पेश करके ऐसा बताया जाता है कि ग्वालियर शहर न्यूयार्क की तरह दिखता है, जब उसकी हकीकत देखने जाएं तो उल्टा मिलता है। कोई शहर को देखना नहीं चाहेगा। शहर को अंधरे में रखे हुए हैं। मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पा रहे। हर काम का फाउंडेशन ही कमजोर है।

हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई जस्टिस रोहित आर्या व जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने की। इस मामले में अब दो हफ्ते बाद सप्ताह बाद 4 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। दरअसल स्वर्ण रेखा के सौंदर्यीकरण को लेकर विश्वजीत रतौनिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। 24 जनवरी 2024 को कोर्ट ने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि कॉस्मेटिक सुंदरता की बजाए, मूलभूत सुविधाओं पर कार्य किया जाए।

जैसी झांकी यहां कोर्ट में सजाई, वैसी ही दिल्ली में दिखा रहे होंगे

नगर निगम के अधिवक्ता ने नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह व स्मार्ट सिटी सीईओ नीतू माथुर की उपस्थित को लेकर बताया कि दोनों अधिकारी दिल्ली गए हैं। उन्हें स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के संबंध में रिपोर्ट पेश करनी है। कोर्ट ने इसको लेकर कहा कि जो रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर रहे हैं, वैसे ही फोटो व रिपोर्ट दिल्ली लेकर गए होंगे। जहां पर शहर को सुंदर बताया होगा। जैसी झांकी कोर्ट में सजाई हैं, वैसी दिल्ली में सजा रहे होंगे।

कोर्ट रूम से लाइव

ये कोर्ट है, न कि पोस्ट ऑफिस

– मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान भी वैसी ही स्थिति रही। पुरानी बातों को कोर्ट के सामने रखा गया, जिसको लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि बातों को घुमाया जा रहा है।
– कोर्ट कोई पोस्ट ऑफिस नहीं है। कुछ दिमाग खुद भी लगाया करो। कितना कचरा इक_ा हो रहा है। हमें क्या जरूरत है। तीसरी मशीन के बारे में कहा था, लेकिन कागजों में नहीं बता रहे।
– लैंडफिल साइट पर छह साल का कचरा इकट्ठा है। वहां दो मशीनें लगाई हैं। कितने कचरे का निस्तारण करोंगे। हर दिन 450 टन कचरा इक_ा हो रहा है।

– क्या दो मशीनें कचरा निस्तारण में सक्षम हैं। आपको कितनी बार समझाएंगे। यदि समझ नहीं आ रहा है तो हम किसी और को बुलाएं।

शपथ पत्र पर मांगी यह जानकारी

– वर्ष 2017 में स्वर्ण रेखा नदी में सीवर लाइन डालने के लिए 50 करोड़ रुपए आए थे। इसका स्टेटस क्या है।

– कचरा निस्तारण के लिए तीसरी मशीन लगाने का प्रस्ताव क्यों नहीं भेजा।

– शहर से कचरा इकट्ठे करने के लिए कितने वाहन हैं।

– स्वर्ण रेखा के दोनों किनारों पर सीवर लाइन डालने के लिए जो 560 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। वह वित्त विभाग में कब तक पहुंच जाएगा।

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