शिवपुरी जिले की सामान्य औसत बारिश 816.3 मिमी है, जिसके विरुद्ध जिले में अभी तक 834.76 मिमी वर्षा हो चुकी है तथा बारिश का क्रम अभी भी जारी है। पिछले चौबीस घंटे में जिले में 23 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि रविवार को भी अमोला सहित कई तहसीलों में मूसलाधार पानी गिरता रहा।
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शिवपुरी के कोलारस, बदरवास व अमोला क्षेत्र के अलावा सिंध नदी के केचमेंट एरिया में हो रही बारिश के चलते नदी में इतना तेज फ्लो आया कि पचावली के पुराने पुल पर रविवार की सुबह से ही आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। उधर सिंध में पानी का तेज फ्लो आ जाने से शनिवार की आधी रात को मड़ीखेड़ा प्रबंधन ने सायरन (अलार्म) बजाकर आसपास के क्षेत्रों को अलर्ट करके पहले चार गेट खोले और फिर बाद में आठ गेट खोलकर पानी को रिलीज करना शुरू किया। आठ गेटों से अभी 2200 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है।
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21 दिन में 226.68 मिमी हुई बारिश
यूं तो बारिश की शुरुआत जून 15 से मानी जाती है, जो अगस्त माह में खत्म भी हो जाती है। अगस्त माह के अंत में शिवपुरी जिले में महज 608.8 मिमी बारिश हुई थी, लेकिन सितंबर माह के 21 दिनों में जिले में 226.68 मिमी बारिश होने से जिले में औसत बारिश का आंकड़ा पार हो गया। ज्ञात रहे कि मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने भी अगस्त माह में बातचीत के दौरान कहा था कि सितंबर माह में होने वाली बारिश से शिवपुरी में औसत सामान्य बारिश का आंकड़ा पार हो जाएगा।
गिरे आधा दर्जन मकान, दो हुए घायल
लगातार हो रही बारिश के चलते कच्चे मकानों के अलावा उन पुराने भवनों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, जिनकी दीवारों में पानी रिसकर बैठ रहा है। बीती रात बदरवास के ग्राम बरखेड़ा की आदिवासी बस्ती में तेज बारिश व बिजली गरजने से आधा दर्जन कच्चे मकान धराशायी हो गए है। जिनमें रमेश सहरिया, रामकृष्ण सहरिया, सिंनु सहरिया, गजेंद्र सहरिया, रघुवीर सहरिया, लल्लू, इंदर, इमरत के मकानों की दीवारें ढह गईं। मकान ढहने से रामकुंवर बाई पत्नी समरथ सहरिया व गुड्डीबाई पत्नी लल्लू सहरिया घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए गुना ले जाया गया। वहीं बरखेड़ा में रहने वाले रघुराज यादव के बछड़े की बिजली गिरने से मौत हो गई।
फसलों के लिए अब खतरा बन रही बारिश
जिले के कोलारस, बदरवास व रन्नौद सहित अमोला क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के अलावा यहां पर बारिश एक हजार मिमी से अधिक हो जाने की वजह से फसलों को खतरा उत्पन्न हो गया है। खेतों में पानी भरा होने व धूप न निकलने से सोयाबीन व उड़द जैसी फसलों में तैयार हुए दाने में नमी आ गई है, जिससे उसकी क्वालिटी बिगडऩे का खतरा उत्पन्न हो गया है। इतना ही नहीं जहां फसल तैयार हो गई है और पानी भरा होने से यदि पौधे झुक कर टेड़े हो गए तो दानों में अंकुरण हो जाएगा। जो किसान के लिए नुकसानदायक होगा।
शनिवार शाम से ही नदी में पानी का फ्लो तेज हो गया था, जिसके चलते आधी रात को अलार्म बजाकर पहले चार और फिर 8 गेट खोल दिए। सिंध के कैचमेंट में हो रही बारिश के चलते अभी भी पानी का फ्लो बना हुआ है। पूरा स्टाफ अलर्ट है।
मनोहर बोराते प्रभारी मड़ीखेड़ा डैम
अब बारिश का रुकना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि अब गिर रहा पानी फसलों के लिए खतरा उत्पन्न कर देगा। क्योंकि फसल मेच्योर होने पर आ गई हैं, इसलिए मौसम खुलना बेहद जरूरी है, तभी फसल बच पाएंगी। कुछ जगह फसल कट भी रही है, जो भीगने से खराब हो जाएंगी।
एमके भार्गव, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी