जेएएच के साथ निजी अस्पतालों में इन दिनों हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या बढ़ते ही भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ी है। जेएएच में ही लगभग 25 से ज्यादा मरीज भर्ती हो रहे हैं। वहीं अन्य निजी अस्पतालों में भी इतनी ही संख्या आ रही है। इसके चलते जेएएच में पलंग कम पड़ने लगे हैं। हालात यह है कि मरीज जमीन पर इलाज करा रहे हैं।
हार्ट अटैक आने का ये है प्रमुख कारण
सर्दियों में हार्ट अटैक आने का खतरा इसलिए होता है क्योंकि ठंड की वजह से शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है. इससे हार्ट की नसों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है और इस वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इस बढ़ते प्रेशर के कारण हार्ट अटैक आ जाता है।
सुबह 4 से 10 बजे के बीच हार्ट अटैक आने का खतरा ज्यादा
चिकित्सकों के अनुसार सुबह 4 बजे से 10 बजे के बीच हार्ट अटैक आने का खतरा ज्यादा रहता है. इस समय शरीर में एपिनेफ्रिन और कोर्टिसोल हार्मोन कालेवल बढ़ जाता है। इनके बढ़ने से शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ता है और ऑक्सीजन की मांग भी ज्यादा होती है, जिसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है। बीपी बढ़ने और ऑक्सीजन की अधिक डिमांड के कारण हार्ट पर प्रेशर बढ़ता है और अटैक आ जाता है। नियमित बीपी की दवा खाते रहना खहिए।
ये रखें सावधानी
– ठंड में ज्यादा बाहर नहीं निकलें।
– पूरे कपड़े पहनकर ही निकलें ।
– ठंडा खाने से बचें।
– नियमित चेकअप कराते रहें।
बचाव के लिए नियमित चेकअप कराते रहें
ठंड बढ़ने के साथ ही हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसके कारण हर दिन बीपी और हार्ट अटैक के मरीजों की तेजी से बढ़ी है। इसमें 35 से 50 वर्ष तक के लोगों की संख्या अधिक है। इससे बचने के लिए नियमित चेकअप कराते रहें और ठंड से अपना बचाव करें।
– डॉ. राम रावत, कार्डियोलॉजी, जीआरएमसी
हार्ट अटैक की समस्या इन दिनों बढ़ने लगी है। ओपीडी के साथ भर्ती मरीज भी बढ़े हैं। इसमें बीपी की समस्या तेजी से बढ़ी है। ऐसी स्थिति में तुंरत डॉक्टर को दिखाएं।
– डॉ. रवि डालमिया, कार्डियोलॉजिस्ट
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