ग्वालियर। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में जहां यह मौसम सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, वहीं यह समय कुछ मरीजों के लिए उतना ही नाजुक भी है।
इस मौसम में सर्दी, जुकाम और जोड़ों में दर्द के साथ-साथ सांस की परेशानी का बढऩा बहुत आम बात है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को इस मौसम में बेहद सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।
श्वांस रोग विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों का मौसम जहां एक ओर आम आदमी के स्वास्थ्य के हिसाब से अच्छा होता है, वहीं कुछ खास व्याधियों जैसे अस्थमा, हृदय रोग, कैंसर से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यह मौसम कुछ ज्यादा ही समस्याएं भी लाता है। जानकारों के अनुसार ऐसे में यदि कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार सर्दियों के मौसम में अस्थमा के रोगियों को श्वांस संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं। इसके साथ कैंसर, जोड़ों के दर्द के रोगियों का दर्द भी बढ़ जाता है। इसके अलावा सर्दियों में त्वचा और एलर्जी संबंधी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं।
परेशानी बढऩे के यह हैं कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में श्वांस नलियां सिकुडऩे लगती है और कफ भी ज्यादा बनता है। इसके साथ ठंडे माहौल के कारण धुआं और वातावरण में घुले तत्व पूरी तरह आसमान में ऊपर नहीं जा पाते जो एलर्गन का काम करते हैं। इसलिए अस्थमा की समस्या सर्दियों में ज्यादा बढ़ जाती है।
ऐसे करें बचाव
1. इससे बचाव के लिए घर को धूल और धुएं से मुक्त रखें।
2. पूरी तरह गर्म कपड़ों से खुद को ढंककर रखें।
3. एयरकंडीशन और तेज पंखे के नीचे बिल्कुल न बैठें।
4. अपना इन्हेलर हमेशा पास रखें और स्टेरॉयड का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
5. अपना शरीर को जितना गर्म रख सकते हैं, रखने की कोशिश करें।
ठंड में अपनाएं ये खास उपाय
ठंड का मौसम शुरु होते ही इसका असर आपकी त्वचा, शरीर और शारीरिक गतिविधियों पर पडऩे लगता है। सर्दियों में भूख बढ़ जाती है और शारीरिक मेहनत कम हो जाती है। जानकारों के अनुसार ऐसे में छोटी-छोटी बातों के साथ सुबह की शुरुआत की जाए तो यह मौसम आपके स्वास्थ्य व सौंदर्य के लिए वरदान साबित होगा। यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ बेहतरीन उपाय…
1. बिस्तर छोडऩे के पहले व्यायाम – जैसे ही आप बिस्तर से उठते हैं अपने शरीर को तानिए और फिर ढीला छोडि़ए। फिर से तानिए और ढीला छोडि़ए। चार-पांच बार इस क्रिया को दोहराइए। ऐसा करने से शरीर में गर्म के तापक्रम में वृद्धि होगी। यदि आपके पास समय है तो एक ही स्थान पर खड़े होकर कुछ देर जॉगिंग कीजिए। ऐसा करने से भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती आएगी और आप बाकि काम को भी फटाफट कर सकेंगे।
2. उबटन स्नान से ताजगी – इन दिनों स्नान में साबुन को अधिक महत्व न दीजिए। कोई-सा भी उबटन लगाइए। बांहों, पैरों, घुटनों, पीठ व गर्दन को उबटन से रगडि़ए, उसके बाद नहाइए। फिर खुरदरे तौलिए से बदन पोंछिए। इस तरह के स्नान से ताजगी, चुस्ती और गर्मी महसूस होगी।
3. गर्म कपड़े पहनें – मौसम के अनुसार कपड़ों का चयन कीजिए। शोख रंगों को अपनाइए। सर्दी से बचाव का बढिय़ा तरीका है एक ही भारी-भरकम गर्म लबादे के बजाए पतली तह वाले कई गर्म कपड़े पहनिए। अंदर के वस्त्र कॉटन के ही हों तो बेहतर होगा। दस्ताने और मौजे पहनने से कतराइए नहीं इनसे आपको आराम भी मिलेगा और त्वचा की सुरक्षा भी होगी।
4. पैदल चलिए – यदि आप कामकाजी हैं व ऑफिस आपके घर से ज्यादा दूर नहीं है तो जहां तक संभव हो सके आप पैदल ही जाइए। इससे रक्त संचार बढ़ेगा, जो सर्दी को कम करेगा। इस मौसम में लिफ्ट का प्रयोग कम से कम कीजिए। दिन में दो-चार बार सीढिय़ां अवश्य चढि़ए। इससे शरीर का व्यायाम भी होगा और गर्मी भी आएगी। यदि आपका काम पैदल चलने का अधिक नहीं है तो जब भी समय मिले घर में ही तेज चाल से कुछ देर चलिए। पैदल चलना शरीर को गर्मी पहुंचाता है।
5. डटकर खाइए – इन दिनों भूख अधिक लगती है और भूखे पेट सर्दी अधिक लगती है। सुबह पौष्टिक नाश्ता भरपूर कीजिए। खाने में भरपूर ऊर्जा प्रदान करने वाला भोजन कीजिए। इसमें प्रोटीन, पनीर, दूध, अनाज, आलू, ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन कीजिए। गरमागरम सूप लेना भी इन दिनों अच्छा रहता है।
6. हाथ-पैरों को बचाएं – एडिय़ां व होंठों को फटने से बचाएं। पैरों की मालिश करके सर्दी से बचाएं। घर में स्लीपर के साथ मोजे पहने रहें। होंठों पर वैसलीन व चैपस्टिक लगाते रहें, इससे ये सूखेंगे नहीं।
7. कमरे का तापक्रम – बहुत अधिक गरम या एयर कंडीशनरयुक्त रूम में न सोएं। इससे आप सर्दी से तो बच जाएंगे, पर सुबह उठने पर आप अपने आपको तरोताजा महसूस करने की अपेक्षा सुस्ती से घिरा पाएंगे।
8. मॉइश्चराइजर बेहतरीन साथी – इन दिनों सर्द हवाओं के साथ-साथ धूप का व्यापक प्रभाव भी त्वचा पर पड़ता है। अत: कोल्डक्रीम के साथ मॉइश्चराइजर का भी प्रयोग करें। त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए पेट्रोलियम , लेनोलिन, मिनरल ऑइल, ग्लिसरीन आदि का भी प्रयोग करें। ये नमी प्रदान करने वाले तत्व त्वचा की रक्षा भी करेंगे।
9. प्रतिदिन चेहरे की सफाई क्लींजिग मिल्क से करें। विंटर केयर लोशन कोल्डक्रीम व मॉइश्चराइजर दोनों की कमी पूरा करता है। किसी अच्छी कंपनी का लोशन इन दिनों के लिए चुन लें। इससे आपकी त्वचा पर मौसम का अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा।
10. शोख कलर पहने – शोख कपड़ों के साथ-साथ मेकअप भी शोख रंगों से कीजिए। ब्राउन या लाल रंग के विभिन्न शेड लिपस्टिक के इन दिनों खूब फबेंगे। यदि आप आंखों का मेकअप करती हैं तो स्लेटी, भूरे, सुनहरे और तेज रंग के आई शेडो का इस्तेमाल करें।
सर्दी में खानपान के जरूरी टिप्स
सर्दी का मौसम सेहत बनाने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मौसम में जितने फल और सब्जियां बाजार में आते हैं, उतनी ही अच्छी होती है आपकी भूख और पाचनशक्ति भी। इस मौसम में स्वस्थ रहने और सर्दी से बचने के लिए यह हैं खान-पान के जरूरी टिप्स…
1. इस मौसम में सर्दी-जुकाम होने की आशंका ज्यादा रहती है, ऐसे में अपने शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए ठंड के मौसम में अपने खाने में आंवले(नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट्स) को शामिल करें। सीधे नहीं खा सकते हैं तो या तो मुरब्बे के तौर पर या फिर किसी और तरह से हर दिन के खान-पान में इस्तेमाल करें।
2. यदि आप डाइट चार्टं का पालन कर रहे हैं तो फिर आंवला मुरब्बा लेने की बजाय किसी और रूप में लें। इसके साथ ही अजवाइन भी शरीर को गर्मीं देने का अच्छा स्त्रोत है। इससे भी आप कोल्ड एंड फ्लू से बचाव कर सकते हैं। गुड़ और शहद भी सर्दियों के दिनों में अच्छा माना जाता है।
3. पारंपरिक तौर पर सर्दियों के लिए मेवे के लड्डू बनाए जाते हैं। आटे, बेसन या फिर उड़द या मूंग की दाल के आटे से लड्डू बनाए जाते हैं। गुजरात में उड़द की दाल के आटे से बने लड्डुओं को अड़दिया कहा जाता है,जबकि पंजाब में इन्हें दाल की पिन्नियों के नाम से जाना जाता है।
4. डाइट एक्सपर्ट मानते हैं कि सर्दियों में देशी घी का उपयोग किया जाना चाहिए। यदि आप किसी डाइट चार्ट को फालो नहीं कर रहे हैं तो घी इस मौसम में अच्छा रोग प्रतिरोधक माना जाता है। यदि आप शक्कर और घी से परहेज करते हैं तो मौसमी फलों का सेवन करें। ताजी सब्जियों और मौसम के फलों के साथ गर्म दूध भी सदिज़्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
5. तिल्ली और गुड़ के लड्डू सर्दी से बचाव के लिए बेहतरीन उपाय माना जाता है। ठंड के मौसम में सूखे मेवे, बादाम आदि का सेवन भी लाभदायक होता है। इन्हें भिगोकर खाएं या दूध में मिलाकर या फिर सूखे मेवों का दरदरा पावडर-सा बना लें और इसे दूध में मिलाकर प्रोटीन शेक-सा बना लें।