कुथैल गांव द्वारा कराए जाने वाले ग्रामीण एनिमल ओलंपिक में बैल, घोड़ी, भैंस समेत अन्य पशुओं के बीच खेल स्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं। इसमें बैलगाड़ी दौड़, घुड़दौड़, भैंसा दौड़ काफी चर्चा में रहते हैं। यही नहीं, इन प्रतियोगिताओं में जीतने वाले पशुओं को हज़ारों रुपए का इनाम दिया जाता है। खास बात ये है कि मात्र तीन साल में ही ये प्रतियोगिता और आयोजन इतना चर्चित हो चुका है कि इसमें भाग लेने सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब समेत हरियाणा आदि राज्यों तक से प्रतियोगी अपनी अपनी बैल गाड़ियां लेकर यहां आने लगे हैं।
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खास बात ये है कि इन देसी परंपरागत खेलों का लुत्फ उठाने हजारों की तादाद में लोग आयोजन स्थल पहुंचते हैं। इस बार चल रहे आयोजन के दौरान करीब 25 हज़ार से ज्यादा लोग परंपरागत खेल देखने जुटे हैं। यही नहीं मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी आयोजन में शामिल हुए। यहां उन्होंने पहले तो बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का लुत्फ उठाया। इसके बाद विजय खिलाड़ी को पुरस्कार वितरित किया। इस दौरान मंच से खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि परंपरागत खेल भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं। इन खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
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इस प्रतियोगिता को सबसे खास बनाने वाली जो चीज है, वो है यहां आने वाले दर्शकों का उत्साह। एनिमल ओलंपिक को लेकर दर्शकों में भारी उत्साह देखने को मिलता है। ग्वालियर चंबल प्रदेश और देश के अलग अलग राज्यों से लोग अपने जानवर लेकर प्रतियोगिता में शामिल होते हैं। इसके लिए वो पशुओं की विशेष ट्रेनिंग तो करते ही हैं, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पशुओं को विशेष डाइट भी दी जाती है। इस ओलम्पिक में शामिल होन वाले घोड़े, भैंसे और बैलों की कीमत भी लाखों में होती है।