एसडीएम जयति सिंह ने रात ग्यारह से साढ़े बारह बजे शराब की दुकानें और हाइवे पर रेस्टोरेंट और ढाबों की चेकिंग की। इस दौरान गांधी रोड पर देशी शराब की दुकान पर बियर की बोतलें मिलीं जबकि अंग्रेजी शराब की दुकान पर स्टॉक का मिलना किया। जलालपुर में सरदार रेस्टोरेंट में दो घरेलू गैस सिलेंडर मिले। एसडीएम ने कारोबारियों से पांच हजार रुपये जुर्माना वसूलने की कार्यवाही की।
जयति सिंह जिस इलाके में जांच अभियान चल रही थीं, उन इलाकों में खलबली मची हुई थी। यहीं नहीं वह सड़कों पर लोगों को रोक जांच करती नजर आईं। एसडीएम को शराब के ठेकों पर जाकर स्टॉक रजिस्टर की जांच करती नजर आईं। हाथ में लाठी लेकर वह खुद ही गाड़ियों को रोकतीं और पुलिसवाले तलाशी लेते रहें।
मुरार से पहले जयति सिंह डबरा में पोस्टेड थीं। वहां भी अवैध रेत उत्खनन कर रहे लोगों के खिलाफ खूब कार्रवाई की थी। यही नहीं डबरा में अपनी पोस्टिंग के दौरान कृषि उपज मंडी में नियमित रूप से किराया न जमा करने वाले व्यापारियों की दुकानों को सील करवा दिया था। लेकिन मंत्री इमरती देवी ने कुछ बंद दुकानों को खुलवा दी थीं। वहां जाकर इमरती देवी ने व्यापारियों के समर्थन में प्रदर्शन किया था।
उसके बाद तत्कालीन एसडीएम जयति सिंह ने अवैध रूप से सील तोड़ने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। उसके बाद व्यापारियों ने इमरती देवी को पूरे मामले से अवगत कराया। उसके बाद वह भड़क गईं और यहां तक कह दिया कि डबरा में या तो एसडीएम रहेगी या फिर मैं। फिर सीएम से शिकायत कर जयति सिंह को हटाने की मांग की।
कहा जाता है कि मंत्री इमरती देवी से उलझना ही जयति सिंह को भारी पड़ गया। उसके बाद 25 अगस्त को उनका तबादला हो गया। जयति सिंह को ग्वालियर जिला मुख्यालय से अटैच कर दिया गया। बाद में भी फिर जयति सिंह को मुरार का एसडीएम बनाया गया है। तीन सितंबर से जयति सिंह ने मुरार एसडीएम के तौर पर अपना कार्यभार संभाल लिया।