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ग्वालियर

पैसे के लिए अपनी पत्नी को पहले दूसरे की बावी बताया, फिर विधवा होने को बनाया प्रमाण पत्र

युवक ने अपनी पत्नी को विधवा भी घोषित कर दिया था।

ग्वालियरSep 18, 2019 / 12:20 pm

Pawan Tiwari

युवक ने अपनी पत्नी को दूसरे की बीवी बताया फिर विधावा होने का बनाया प्रमाण पत्र, फोटो से खुला बड़ा राज

युवक ने अपनी पत्नी को दूसरे की बीवी बताया फिर विधावा होने का बनाया प्रमाण पत्र, फोटो से खुला बड़ा राज

ग्वालियर. मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक सनसनी खेज मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने अपनी पत्नी को पहले दूसरे की पत्नी बताया और फिर उसको विधवा बताते हुए उसके पति के मौत के कागजात भी तैयार कर लिया। दरअसल, शहर के एक युवक भीमशरण गौतम ने विधवा पुनर्विवाह करने पर मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह योजना की राशि हड़पने के लिए अपनी ही पत्नी को विधवा बतातकर उससे शादी के लिए 14 जून को आवेदन कर दिया। आवेदिका द्वारा पेश किए गए दस्तावेज पर जब आधिकारियों को शक हुआ तो समाजिक न्याय विभाग के जेडी ने सहायक सांख्यिकी अधिकारी एडी सामदानी से जांच कराई।
जांच में पता चला कि युवक ने सरकारी खजाने तो चूना लगाने के लिए ऐसा किया है। महिला सशक्तिकरण विभाग में संविदा आधार पर पदस्थ पूर्व कर्मचारी भीमशरण गौतम ने अपनी पत्नी को पहले दूसरे की पत्नी बताया फिर पत्नी के पति को मृतक बताकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनाया। इसके बाद युवक ने अपनी ही पत्नी से विवाह करने की घोषणा कर दी। मामला पकड़ में आने के बाद सामाजिक न्याय विभाग ने पुलिस में मामला दर्ज कराने के लिए एसपी नवनीत भसीन को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं।
सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक राजीव सिंह ने बताया कि एक आवेदिका ने मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना के लिए आवेदन किया था। इसमें भीम शरण गौतम नाम के युवक से पुनर्विवाह होना बताया गया था। सहायता के लिए प्रस्तुत दस्तावेजों पर संदेह होने के बाद जांच कराई गई, जिमें पता चला कि युवक ने फर्जी तरीके से सहायता राशि हड़पने के लिए योजना बनाई थी।

ऐसे पकड़ में आया मामला
भामशरण गौतम को 2017 में महिला सशक्तिकरण विभाग से हटाया गया था। वर्तमान में महिला बाल विकास के डीपाओ पर ही समाजिक न्याय विभाग के जेडी का प्रभार है। जो आवेदन आया था उसमें भीमशरण गौतम की फोटो को देखकर विभाग के लोगों ने पहचान लिया। आवेदिका द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र औप पूर्व पति के मृत्यु के पंजीयन प्रमाणपत्र में दर्ज तारीखों में अंतर था।

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