सिटी सेंटर और लश्कर में सबसे ज्यादा मामले, पर कार्रवाई शून्य
वैसे तहसीलों की स्थिति देखी जाए तो शहरी क्षेत्र की तहसीलों में अतिक्रमण के मामले अधिक है। सिटी सिटी सेंटर में पिछले तीन महीने में 24 व लश्कर तहसील में 30 मामले सरकारी जमीन के आए हैं। जबकि इन क्षेत्रों की जमीन कीमती काफी अधिक है। लश्कर में 16 प्रकरण तो 1 से 2 वर्ष के बीच लंबित हैं।- पुरानी छावनी में नई कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। पुरानी छावनी तहसील की सरकारी जमीनों पर माफिया ने अतिक्रमण कर लिया है। 17 प्रकरण दर्ज हैं, लेकिन कार्रवाई किसी पर भी नहीं की है। पुरानी छावनी में सरकारी जमीनों पर कॉलोनी भी बसाई गई हैं।
- सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के मामले दो तरह से सामने आते हैं। राजस्व निरीक्षक व पटवारी के संज्ञान में आने के बाद रिपोर्ट तहसील भेजी जाती है। दूसरा वहां के स्थानीय लोग भी लिखित में शिकायत कर अतिक्रमण के संबंध में अवगत कराते हैं।
- सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर तहसील में प्रकरण दर्ज किया जाता है। उस पर जुर्माना लगाते हुए हटाने की कार्रवाई की जाती है। विद्या विहार में नहीं पहुंचे कार्रवाई के लिए विद्या विहार सिटी सेंटर क्षेत्र की बेशकीमती जमीन है। इस जमीन की डिक्री पर हाईकोर्ट से रोक है। जब तक हाईकोर्ट की रोक है, जमीन शासकीय है। वहीं जमीन पर लगातार अतिक्रमण जारी है। बहु मंजिला इमारतों का निर्माण चल रहा है, लेकिन राजस्व अमले ने इस जमीन पर किए जा रहे निर्माण पर कार्रवाई नहीं की है और न निर्माण रुकवाया है।
- जमीन कलेक्टर कार्यालय के बिलकुल सामने है। प्रशासन अपने सामने की जमीन को नहीं बचा पा रहा है।
निजी जमीनों पर भी कब्जा
सरकारी के साथ-साथ निजी जमीनों के मामले भी तहसीलों में पहुंचे। 70 लोगों की जमीनों पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। जमीन के मालिक दबंगों से कब्जा नहीं हटा पा रहे हैं, जिसके चलते प्रशासन से गुहार लगाई है। तहसीलों में इनकी भी सुनवाई नहीं है। अपनी जमीन के मुक्त होने के इंतजार में है।इन तहसीलों में है सबसे ज्यादा अतिक्रमण
तहसील————- प्रकरणदेवरीकला————- 35
बड़ागांव————- 13
सांखनी————- 31
पिछोर————- 14
पुरानी छावनी————- 17
लश्कर————- 30
डबरा ————-24
सिटी सेंटर————- 24
बिलौआ————- 10 दीनारपुर की जमीन पर हुए अतिक्रमण की शिकायत आने पर कार्रवाई की गई थी। इस जमीन को उद्योग विभाग से वापस लेकर ऐसे विभाग को देंगे, जो बाउंड्री करके उसका उपयोग कर सके। सरकारी जमीनों की शिकायत आने पर उन पर कार्रवाई की जाती है। प्रकरणों की निगरानी करेंगे।
रुचिका चौहान, कलेक्टर