दरअसल एक अप्रेल को स्कूल खुलने के पहले महंगी किताबों के चलते अभिभावकों की हालत खराब हो गई थी। कलेक्टर ने किताब व फीस बढ़ोतरी की जांच के लिए एसडीएम को भेजा गया। स्कूल संचालक व किताब प्रकाशकों का गठजोड़ सामने आया कि एनसीईआरटी की जगह निजी प्रकाशकों की बुकों को कोर्स में शामिल किया गया। महंगी से महंगी किताब कोर्स में शामिल थी, जिससे पालकों को एक सेट 3500 हजार से 7000 रुपए के बीच पड़ा था। इसके अलावा फीस बढ़ोतरी को लेकर भी जांच की, जिसमें 35 स्कूलों को फीस बढ़ोतरी को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया। सीबीएसई के कुछ स्कूलों फीस के बारे में जानकारी। स्कूलों ने लिखकर दे दिया कि 9.50 फीसदी ही फीस बढाई है। 9.50 फीसदी की जानकारी देने वाले स्कूलों की जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच नहीं की। उनके जवाब को मान्य करके कार्रवाई खत्म कर दी। जबकि जो स्कूल 9.30 फीसदी फीस बढ़ाना बता रहे हैं, उनके 21 से 25 फीसदी की बढ़ेतरी हुई है।
फीस बढ़ोतरी का गणित ऐसे समझें, अभिभावक लुट रहे
– जैसे अभिभावकों 2023 में आठवीं कक्षा में 38500 रुपए फीस दी। जब बच्चा 9 वीं कक्षा में आया तो उसके ऊपर भारी-भरकम फीस का बोझ डाल दिया। स्कूलों ने तर्क दिया कि कक्षा 9 वीं का स्लेब 43 हजार रुपए है। स्कूल शासन के नियम का हवाला देते हुए 43 हजार पर 9.50 फीसदी फीस बढ़ोतरी की। 9.50 फीसदी के हिसाब से 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी की है। इस तरह से फीस हो गई 47 हजार रुपए – कक्षा 9 वीं में फीस बढ़ोतरी का अभिभावक की जेब पर 9000 रुपए का बोझ आया। 20 फीसदी फीस बढ़ोतरी हुई। – 9.50 फीसदी फीस बढ़ोतरी का हवाला दे रहे हैं, उन सभी स्कूलों ने इसी फॉर्मुले को अपनाया है। इस फॉर्मुले से जो फीस बढ़ी, उस चालाकी को पकडऩे के लिए अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करने नहीं पहुंचे।
– अभिभावक भी बच्चे की पढाई को लेकर भय खा रहे हैं कि कहीं शिकायत की तो स्कूल संचालक उसके बच्चों का नुकसान न कर दे। इसलिए शिकायत के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
– स्कूलों में फीस जमा की, तब अभिभावकों को उनका गणित सामने आया है।
ऐसे पकड़ सकते हैं स्कूलों संचालकों की मनमानी को
– 2022, 2023 की फीस का रिकॉर्ड लेते हुए 2024 की फीस से तुलना कर सकते हैं। इससे स्थिति साफ हो जाएगा कि स्कूलों ने हर साल अभिभावकों पर कितना बोझ डाला है। – स्कूलों में पढऩे वाले अभिभावकों से भी बात कर जानकारी ली जा सकती है, जैसे कि कार्मल कॉन्वेंट, सेंट जोसफ स्कूल, रामश्री किड्स स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों से एसडीएम ने पिछला व नया डेटा लिया था।
फीस वापसी का आदेश हुआ, पर अमल नहीं -कॉर्मल कान्वेंट स्कूल फालका बाजार पर 9,09,600 -रामश्री किड्स स्कूल हरीशंकरपुरम पर 3,47,553 -सेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल पिपरौली 2,64,082 – तीन स्कूलों से फीस वापसी का आदेश हो चुका है, लेकिन अमल नहीं हो सका है। अभिभावकों को पैसे वापस नहीं मिले हैं।
एक स्कूल की शिकायत आई है। स्कूल ने 9.50 फीसदी फीस बढ़ोतरी की जानकारी दी थी। वास्तविक फीस बढ़ोतरी कितनी की है, उसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए भेजा गया है। वह स्कूल की जांच कर वास्तविक स्थिति बताएंगे। चुनाव परिणाम के स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रुचिका चौहान, कलेक्टर ग्वालियर