मंत्री ठाकुर ने कहा कि, गरबा पंडाल लव जिहाद का बड़ा माध्यम बन गए हैं। ऐसे में अब सभी गरबा आयोजक सतर्क और सजग रहें। गरबा पांडाल में जो भी आए आइडेंटी कार्ड लेकर ही आए। बिना पहचान की पुष्टि कराए गरबा आयोजन में कोई भी शख्स प्रवेश नहीं कर सकेगा। मंत्री ऊषा ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, ये सभी के लिए सलाह भी है और नसीहत भी।
यह भी पढ़ें- पत्नी से परेशान आकर 131 फीट ऊंचे टॉवर पर चढ़ा पति, 4 घंटे चला हाई वोल्टेज ड्रामा
संस्कृति मंत्री की नसीहत
आपको बता दें कि, नवरात्रि से पहले संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ग्वालियर पहुंची हैं। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए नियम न मानने वाले को चेतवनी भी दी है। मंत्री ठाकुर ने कहा कि, इस व्यवस्था को प्रभावी करने के पीछे उद्देश्य ये है कि, ये गरबा पंडाल लव जिहाद का बड़ा माध्यम बन चुके हैं। इसलिए सभी प्रदेश के सभी गरबा आयोजक सतर्क और सजग रहें। अब गरबा पांडाल में जो भी आए आइडेंटी कार्ड अपने साथ लेकर आए। बिना पहचान दिखाए गरबा में एंट्री नहीं मिल सकेगी। ठाकुर ने कहा कि, हमारे लोग और सहयोगी संगठन तो जागरूक हैं। इसलिए अब जरूरी है कि, कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छुपाकर गरबा पांडाल में एंट्री लेने की गलती न करे।
मंत्री के बयान को मिला समर्थन
संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर की इस नसीहत को हिन्दू संगठन संस्कृति बचाओ मंच का समर्थन भी मिल गया है। चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि, गरबा एंट्री से पहले पंचगव्य पिलाना चाहिए, जिससे आत्मा की शुद्धि हो सके। जो पंचगव्य नहीं पी सकता, वो हमारे धर्म का हो ही नहीं सकता। क्योंकि, गरबा मां की आस्था का केंद्र है। वहां दूसरे धर्म वालों का क्या काम। आज गरबा का व्यवसायीकरण हो चुका है। गरबा केंद्रों में बस आजकल अश्लीलता और फूहड़ता होती है। पंडाल के बाहर लड़के-लड़कियां कपल एंट्री का इंतेज़ार करते हैं। इसी वजह से लड़कियां मुस्लिम लड़कों के साथ चली जाती हैं। बाद में ये लड़के लड़कियों के साथ ग़लत काम कर देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, जिस तरह संस्कृति मंत्री ने आई डी के बिना एंट्री को वर्जित किया है। इसी तरह हम भी वर्षों से वोटर आइडी के साथ ही गरबा में प्रवेश की मांग कर रहे हैं।