इस संबंध में एसडीओपी संतोष पटेल ने बताया की वो रात के समय गश्त पर निकले थे। रात में ठंड भी बेहद ज्यादा थी, इसी बीच पनिहार टोल के पास एक बुजुर्ग व्यक्ति ठंड से कांप रहा था। उसके पास बरसाती रखी थी। आग भी सुलग रही थी। लेकिन, ये इंतजाम भीषण ठंड से बचाने के लिए नाकाफी था। कुछ रोटियां भी बुजुर्ग के पास रखी हुई थी, जिसे वो खाने की तैयारी तो कर रहा था, लेकिन और की बूंदों से वो रोटियां भी पूरी गीली हो चुकी थीं।
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इस हाल में सड़क किनारे मिला था बुजुर्ग
इस हालत में बुजुर्ग को सड़क किनारे देखकर पूछा तो पता चला वो ट्रक पर नौकरी करता है। उसे श्योपुर जाना था। ड्राइवर से उसकी अनबन हो गई थी। इसलिए ड्राइवर उसे सड़क किनारे ही छोड़कर चला गया है। ढाबे वाले ने उसे चार रोटी और कुछ सब्जी दे दी थी। इसमें दो रोटी उसने खाई और दो अगले दिन के लिए बचाकर रख ली हैं। हालांकि, उसे ठंड में कंपकपाते देख मार्ग से गुजरने वाले किसी ट्रक चालक ने बरसाती और एक शाल भी दे दिया था। उसके सहारे ही वो रात काटने की तैयारी कर रहा था।
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रात को झोंपड़ी में सुलवाया, सुबह घर के लिए कराया रवाना
एसडीओपी संतोष पटेल ने बताया कि, बुजुर्ग को ठंड से बचाने के लिए अपनी पुलिस टीम से आग भी जलवाई गई, जिससे उसे कुछ राहत तो मिली, लेकिन फिर भी वो कमजोर इतना था कि, उसकी कंपकंपी कम होने का नाम नहीं ले रही थी, जिसे देखते हुए संतोष पटेल नें उसे देशभक्ति जनसेवा लिखी ऊनी टोपी और मौजे पहना दिए। यही नहीं कुछ देर बाद उन्होंने टोल टैक्स के पास स्थित झोंपडी में उसके लिए व्यवस्था कराई बाद में उसे वहां ले जाकर सुलवाया। यहीं नहीं, एसडीओपी सवेरे से उसके लिए नाश्ता लेकर भी पहुंचे । यहां उसे पहले नाश्ता कराया फिर, श्योपुर की ओर जा रहे एक वाहन में बैठाकर उसे रवाना भी कर दिया।