बीते दिनों जिन फैक्ट्रियों पर नगर निगम ने ताले लगाकर सील की थीं, उनको खुलवाने के लिए राजनैतिक स्तर पर प्रयास तेज हो गए हैं। क्षेत्रीय रहवासियों की शिकायत पर पत्रिका टीम ने जब निगम द्वारा की गई कार्रवाई का रियल टेस्ट किया तो पता चला कि तारागंज क्षेत्र में गिरवाई क्षेत्र से आने वाले नाले में प्रदूषित पानी को साफ तौर पर देखा जा सकता है।
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क्षेत्र के लोगों ने कहा
वहां के लोग बताते हैं कि अगर प्रदूषित पानी बहाने वाली सभी फैक्ट्रियां बंद कराई जातीं तो यह पानी नाले में नहीं आता लेकिन चार दिन बाद भी नाले में प्रदूषित पानी के बहाव ने यह साबित कर दिया कि निगम द्वारा की गई कर्रवाई खानापूर्ति तक की सीमित थी। जहरीली हो सकती हैं सब्जियांप्रदूषित पानी स्वर्ण रेखा से होते हुए जलालपुर, अक बरपुर आदि गांवों तक जाता है। अगर निगम इसकी रोक करे तो यहां उगने वाली सब्जियां जहरीली होने से बचाई जा सकती हैं।
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गंदगी से पटे हैं नालेगिरवाई क्षेत्र में फैक्ट्रियों पर निगम की कार्रवाई एक खानापूर्ति थी। गंदगी के फोटो देखकर साफ देखा जा सकता है कि नालों में अब भी गंदगी और गंदा पानी बहाया जा रहा है।
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नहीं रुकापांच फैक्ट्रियों पर कार्रवाई के बाद भी क्षेत्र में गंदे पानी को खुले और कच्चे नाले में छोड़ा जा रहा है। जिससे क्षेत्र में बोरिंग का पानी खराब हो रहा है। अफसरों को यह जानकारी है।
राकेश माहौर, सभापति नगर निगम
फैक्ट्रियों हम लगातार क्षेत्र में नाले के पानी की निगरानी करा रहे हैं। जिन फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी नाले में बहाया जा रहा है। उनके खिलाफ हम जल्द ही कार्रवाई करेंगे।
सतपाल सिंह चौहान, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम
पहले भी उन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की गई थी। उस दौरान भी निगम अफसरों से उनकी सांठगांठ हो गई थी। इसके बाद फिर से यह फैक्ट्रियों चालू हो गईं और शहर के नालों में प्रदूषित पानी आज भी बहाया जा रहा है।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम