पुलिस की सख्ती के बाद जो लोग बाहर अथवा विदेश से आए है। वह खुद ही अस्पताल पहुंचकर अपनी जांच करा रहे हैं। भिण्ड के रहने वाले राधेश्याम ने बताया कि प्रशासन के डर के चलते अब लोग घरों से बाहर तो नहीं निकल रहे है। साथ ही बाहर से आने वाले लोगों की भी जानकारी पुलिस तक पहुंचा रहे हैं। यहां बता दें कि बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी न देना अब अपराध है और उस पर कार्रवाई की भी बात प्रशासन की ओर से कही गई है। दोनों ही जिले के हजारों लोग अस्पताल में स्कैनिंग कराने पहुंचे।
प्रशासन की ओर से दोनों ही जिलों में 48 घंटे का लॉकडाउन कराया गया है। इस दौरान जिलें में सुबह से ही पुलिस के वाहन घूमते नजर आए। इस दौरान कई जगहों पर खड़ी भीड़ को पुलिस ने खदेड़ा और दुकानदारों पर दुकाने बंद करने के निर्देश भी। साथ ही जरूरतमंदों को दवाई व खाना भी खिलाया। किराना सहित सभी दुकानों को बंद किए जाने के आदेश भी जारी किए गए थे। लेकिन दुकानदार व कालोनियों के लोग नहीं माने और कुछ किराना व्यवसाईयों ने अपनी दुकानों खोल रखी थीं। जब पुलिस अधिकारी निरीक्षण के लिए निकले और किराना दुकानें खुली दिखी तो उन्होंने उन दुकानों को अपने सामने ही बंद कराया। साथ ही सभी ने कोरोना को हराने के लिए सभी लोगों से सामूहिक रूप से सहयोग करने की बात कही।
लॉकडाउन के पहले दिन बुधवार को दोनों ही जिले के बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे। इस दौरान सुबह के कुछ चहल-पहल दिखी, लेकिन प्रशासन के सड़क पर आते ही दोनों ही जिलों का बाजार पूरी तरह से सूने हो गए और सुबह से ही कफ्र्यू जैसे हालत नजर आए। वहीं गुरुवार को सुबह से ही भिण्ड व ग्वालियर जिले में कफ्र्यू जैसे हालत नजर आए। वहीं लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सख्त दिखा और बाजार में आने वाले लोगों को भी समझाइश देकर वापस घर जाने के लिए कहा। इस दौरान कई लोगों पर लाठी भी बरसाई।
ग्वालियर जिले में सुबह के समय दूध वाले और सब्जियों वाले गलियों में सब्जी बेचते दिखे, जिससे बाजारों और गलियों में थोड़ी चहलकदमी नजर आ रही थी। लेकिन सुबह 8 बजे के बाद पूरी प्रशासन टीम सड़कों पर आई और अनाउंस कर लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी। इससे लोग बाजारों से घरों के अंदर पहुंच गए। बाजारों में कुछ मेडिकल स्टोर खुले हुए थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें भी बंद करा दिया। यहां सेवा नगर फूलबाग, मुरार गोलपहाडिय़ा,जनकगंज सिंधिया चौराहे सहित आदि जगह पर चैकिंग प्वांइट लगाए गए थे, जहां से बाइक सवारों के निकलने पर उनको सख्ती दिखाकर निकलने नहीं दिया और वापस उनके घर भेजा गया।