तनिक ने बताया कि पापा ने हमें बचपन से यही सीख दी कि बेटा सबसे बड़ी सेवा देश सेवा है। सरहद की रक्षा कर पाओ या नहीं लेकिन देशभक्ति का भाव सदैव मन में रखना। तभी यह सोच लिया था कि मुझे अब सेना में जाना है और मैंने सपने बुनने शुरू किए और सफल हुआ। मुझे देखकर नमन ने भी सफलता पाई।
नमन ने बताया कि मैं अपने भाई से इंस्पायर था। उनको जब वर्दी में देखता तो उनके जैसा बनने का दिल कर उठता। उनके गाइडेंस में मैंने एमआइटीएस से इंजीनियरिंग के बाद सीडीएस एग्जाम दिया। सिलेक्शन के बाद आइएमए में ट्रेनिंग की और अब पोस्टिंग मिल गई। अब लक्ष्य आखिरी सांस तक देश सेवा करना है।