बाद में कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो एसडीओपी संतोष पटेल सहित अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और सभी को अपने बोरिया-बिस्तर-खाट और जरूरी सामान लेकर शासकीय स्कूल में पहुंचाया गया और इनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया।
7 से 8 घंटे तक फंसे रहे लोग
एसडीओ ने बताया कि बेसली नदी में उफान आने से इन गांवों का रास्ता बंद हो गया और लोग 7 से 8 घंटे तक फंसे रहे। उन्हें अब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही हस्तिनापुर थाने के जखारा गुंधारा गांव में लोगों के घरों में पानी भर गया। पुलिस थाना प्रभारी हस्तिनापुर राजकुमार राजावत व सरपंच राघवेंद्र जाट ने ग्रामीणों को शासकीय स्कूल में शिफ्ट कराया है। पानी पुलिया के ऊपर होने पर दोनों ओर पुलिस व्यवस्था लगाई गई। एसडीओपी बेहट संतोष पटेल ने मौके पर पहुंचकर लोगों को खतरे के निशान से ऊपर पानी के बहाव होने पर रिस्क न लेने की समझाइश दी।
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जिले में अधिक बारिश होने के चलते झिलमिल नदी का भी जलस्तर बढ़ गया है। इससे बेहट थाना क्षेत्र के बेहट गांव में झिलमिल नदी के दूसरी तरफ 50 बकरियां फंस गई, जिन्हें स्थानीय लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सी की मदद से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई। रेस्क्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल होता रहा।
बह गए युवक
आधे प्रदेश में सामान्य से अधिक तो आधे में आंकड़ा सामान्य से कम है। पश्चिमी मप्र में औसत से 12 फीसदी ज्यादा तो पूर्वी मप्र में सामान्य से 12% कम बारिश हुई। इधर, ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ सिवनी में रविवार को बारिश का दौर चलता रहा। भोपाल में बादल छाए, लेकिन बरसे नहीं। लोग उमस से परेशान रहे। रविवार को सिवनी में 2.4 इंच तो सतना में 1.65 इंच पानी गिरा। वहीं, मंडला के लालपुर गांव में आलोन नदी के पानी से डूबे पुल पार कर रहे दो युवक बह गए।