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ग्वालियर

मकान-दुकान तोडऩे पर लोगों ने मचाया हंगामा, लगाया भेदभाव का आरोप फिर बने यह हालात

54 घरों पर लगाए थे निशान, मार्किंग कर नाले का निर्माण होगा शुरू

ग्वालियरJan 23, 2020 / 07:49 pm

monu sahu

54 home broken in administration at gwalior

मकान-दुकान तोडऩे पर लोगों ने मचाया हंगामा, लगाया भेदभाव का आरोप फिर बने यह हालात

ग्वालियर। शहर के बहोड़ापुर तिराहे से गरगज कॉलोनी गेट तक सड़क चौड़ी करने के लिए नगर निगम अमले ने बिना मंजूरी के बने मकानों और दुकानों पर तुड़ाई की। लेकिन तुड़ाई के लिए लगाए गए 4 मीटर के निशान से ज्यादा तोडऩे का आरोप लगाकर लोगों ने जमकर हंगामा कर दिया। लोगों का कहना था कि प्रशासन ने सड़क के दोनों तरफ करीब 29 मीटर जगह खाली करने के लिए कहा था। सड़क के दोनों तरफ बने घर और दुकानों पर करीब 4 मीटर तुड़ाई का निशान लगाया था। लेकिन उससे ज्यादा तोडफ़ोड़ की। इसके साथ ही गुस्साए कई लोगों ने भेदभाव का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि निशान तक तमाम लोगों ने अपने हाथ से अपने आवास तोड़े थे,उसके बावजूद उनके घर पर हथौड़ा चलाया,जबकि कुछ को छोड़ दिया। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने भेदभाव के आरोपों को निराधार बताया है। प्रशासन ने 54 घरों पर निशान लगाए थे। बताया जा रहा है कि अब मार्किंग कर नाले का निर्माण शुरू होगा।
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54 home broken in administration at gwalior
निशान से ज्यादा तोड़ दिया
बहोड़ापुर शाहिदा बेगम ने बताया कि तुड़ाई का विरोध इसलिए है, क्योंकि निशान खुद सरकारी अमले ने लगाया था, अब उससे ज्यादा घर तोड़ दिया। जबकि जो निशान था वहां तक हम खुद अपने हाथ से तोड़ चुके थे। इस कार्रवाई से हमारे सामने तो रोजी रोटी का संकट आ गया है, पूरी दुकान खत्म हो गई जबकि कई लोगों के घर छोड़ दिए।
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ज्यादा तोड़ा मकान
बहोड़ापुर एबी रोड सुशीला देवी ने बताया कि मकान पर चार मीटर का निशान लगाया था, तोडफ़ोड़ के वक्त सड़क पर मोड़ का हवाला देकर टीनशेड को उखाड़ दिया। इसके बावजूद अधिकारियों ने कहा कि घर में आकर देखेंगे, फिर तय करेंगे कि कितनी तुड़ाई करनी है। इसका विरोध किया था। जब निशान लगा चुके थे तो उसके बाद फिर ज्यादा तुड़ाई क्यों की गई। यह सुना है कि अब अमला परसों आएगा, नाले के लिए मार्किंग करेगा।
समान कार्रवाई, कोई भेदभाव नहीं
एसडीएम प्रदीप तोमर ने बताया कि लोगों ने यहां यातायात जाम से निजात के लिए सड़क को चौड़ा करने की मांग की थी। इसलिए सड़क को चौड़ा करने के लिए तुड़ाई की गई। जो निर्माण बिना मंजूरी के थे, उन्हें नोटिस दिए थे। निशान भी लगाए थे। कुछ लोगों ने अपने हाथ से तुड़ाई की। जिन लोगों ने हिदायत के बावजूद कब्जा नहीं हटाया उन्हें तोड़ा गया। यह आरोप गलत है कि कार्रवाई में भेदभाव हुआ है। परसों से सड़क किनारे नाले का निर्माण शुरू किया जाएगा।
54 home broken in administration at gwalior
हमारा तोड़ दिया मकान, आसपास के छोड़ दिए
बहोड़ापुर शब्बीर खान ने बताया कि जमीन पुश्तैनी है, बंटवारे की रजिस्ट्री है, हर साल नगर निगम को टैक्स देते हैं, सीमाकंन भी कराया है। सड़क को चौड़ा कराने के लिए प्रशासन ने घर पर 4 मीटर का निशान लगाया था। उतना अपने हाथ से तोड़ लिया। इस जद में दुकान आई थी। बुधवार को सरकारी अमला आया। हमारे तुड़ाई करने के बाद भी घर को और तोड़ दिया जबकि आसपास करीब 7-8 घर छोड़ दिए। तुड़ाई में दुकान खत्म हो गई।
धार्मिक स्थल भी तोड़े
अल्टीमेटम के बाद भी कई लोगों ने तुड़ाई नहीं की तो बुधवार को एसडीएम प्रदीप तोमर की अगुवाई में निगम का अमला बहोड़ापुर पहुंच गया। तुड़ाई की जद में मंदिर और मस्जिद भी आ रहे थे। धार्मिक स्थलों की तुड़ाई के दौरान स्थिति नहीं बिगड़े, इसलिए पर्याप्त फोर्स भी बुलाया गया। तुड़ाई की शुरुआत में लोग चुप रहे, फिर प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाकर हंगामा किया। लोगों का कहना था कि प्रशासन अपनी ही बात को भूल गया। जितना तय किया था उससे ज्यादा तोडफ़ोड़ की।
54 home broken in administration at gwalior
इंतजार में रहे कि खुद निगम तोड़े
तुड़ाई के लिए करीब एक महीने पहले नोटिस दिए गए थे। सड़क को 29 मीटर चौड़ी करने का तय हुआ था, इसलिए दोनों तरफ बने मकानों और दुकानों पर नपाई कर निशान लगाए गए थे। निगम का हथौड़ा चलेगा तो ज्यादा नुकसान होगा, इसलिए ज्यादातर लोगों ने खुद निशान तक अपने हाथों से तुड़ाई की थी। लेकिन करीब 10 दुकान, मकान मालिक इंतजार में रहे कि निगम खुद आकर तोड़े।
कुछ मकानों को क्यो नहीं तोड़ा
तुड़ाई के दौरान लोगों ने कांग्रेस कार्यकर्ता पर पक्षपात का भी आरोप लगाया। उन्हें आड़े हाथों लेकर कहा कि यह इंसानियत नहीं है। किसी का घर बचा रहे हो और किसी का हद से ज्यादा तुड़वा रहे हो। दरअसल कांग्रेस कार्यकर्ता ने प्रशासन के अधिकारियों से आटा चक्की कारोबारी की दुकान को तोडऩे के लिए एक दिन की मोहलत देने के लिए सिफारिश की थी। प्रशासन सीधी सड़क बनाने की दलील दे रहा है तो एक जैसी कार्रवाई क्यों नहीं। तिराहे से रेलवे क्रॉसिंग तक सीधी सड़क बनाने के बीच में कुछ मकान आगे क्यों उन्हें क्यों नहीं तोड़ा।

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