निशान से ज्यादा तोड़ दिया
बहोड़ापुर शाहिदा बेगम ने बताया कि तुड़ाई का विरोध इसलिए है, क्योंकि निशान खुद सरकारी अमले ने लगाया था, अब उससे ज्यादा घर तोड़ दिया। जबकि जो निशान था वहां तक हम खुद अपने हाथ से तोड़ चुके थे। इस कार्रवाई से हमारे सामने तो रोजी रोटी का संकट आ गया है, पूरी दुकान खत्म हो गई जबकि कई लोगों के घर छोड़ दिए।
ज्यादा तोड़ा मकान
बहोड़ापुर एबी रोड सुशीला देवी ने बताया कि मकान पर चार मीटर का निशान लगाया था, तोडफ़ोड़ के वक्त सड़क पर मोड़ का हवाला देकर टीनशेड को उखाड़ दिया। इसके बावजूद अधिकारियों ने कहा कि घर में आकर देखेंगे, फिर तय करेंगे कि कितनी तुड़ाई करनी है। इसका विरोध किया था। जब निशान लगा चुके थे तो उसके बाद फिर ज्यादा तुड़ाई क्यों की गई। यह सुना है कि अब अमला परसों आएगा, नाले के लिए मार्किंग करेगा।
एसडीएम प्रदीप तोमर ने बताया कि लोगों ने यहां यातायात जाम से निजात के लिए सड़क को चौड़ा करने की मांग की थी। इसलिए सड़क को चौड़ा करने के लिए तुड़ाई की गई। जो निर्माण बिना मंजूरी के थे, उन्हें नोटिस दिए थे। निशान भी लगाए थे। कुछ लोगों ने अपने हाथ से तुड़ाई की। जिन लोगों ने हिदायत के बावजूद कब्जा नहीं हटाया उन्हें तोड़ा गया। यह आरोप गलत है कि कार्रवाई में भेदभाव हुआ है। परसों से सड़क किनारे नाले का निर्माण शुरू किया जाएगा।
बहोड़ापुर शब्बीर खान ने बताया कि जमीन पुश्तैनी है, बंटवारे की रजिस्ट्री है, हर साल नगर निगम को टैक्स देते हैं, सीमाकंन भी कराया है। सड़क को चौड़ा कराने के लिए प्रशासन ने घर पर 4 मीटर का निशान लगाया था। उतना अपने हाथ से तोड़ लिया। इस जद में दुकान आई थी। बुधवार को सरकारी अमला आया। हमारे तुड़ाई करने के बाद भी घर को और तोड़ दिया जबकि आसपास करीब 7-8 घर छोड़ दिए। तुड़ाई में दुकान खत्म हो गई।
अल्टीमेटम के बाद भी कई लोगों ने तुड़ाई नहीं की तो बुधवार को एसडीएम प्रदीप तोमर की अगुवाई में निगम का अमला बहोड़ापुर पहुंच गया। तुड़ाई की जद में मंदिर और मस्जिद भी आ रहे थे। धार्मिक स्थलों की तुड़ाई के दौरान स्थिति नहीं बिगड़े, इसलिए पर्याप्त फोर्स भी बुलाया गया। तुड़ाई की शुरुआत में लोग चुप रहे, फिर प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाकर हंगामा किया। लोगों का कहना था कि प्रशासन अपनी ही बात को भूल गया। जितना तय किया था उससे ज्यादा तोडफ़ोड़ की।
तुड़ाई के लिए करीब एक महीने पहले नोटिस दिए गए थे। सड़क को 29 मीटर चौड़ी करने का तय हुआ था, इसलिए दोनों तरफ बने मकानों और दुकानों पर नपाई कर निशान लगाए गए थे। निगम का हथौड़ा चलेगा तो ज्यादा नुकसान होगा, इसलिए ज्यादातर लोगों ने खुद निशान तक अपने हाथों से तुड़ाई की थी। लेकिन करीब 10 दुकान, मकान मालिक इंतजार में रहे कि निगम खुद आकर तोड़े।
तुड़ाई के दौरान लोगों ने कांग्रेस कार्यकर्ता पर पक्षपात का भी आरोप लगाया। उन्हें आड़े हाथों लेकर कहा कि यह इंसानियत नहीं है। किसी का घर बचा रहे हो और किसी का हद से ज्यादा तुड़वा रहे हो। दरअसल कांग्रेस कार्यकर्ता ने प्रशासन के अधिकारियों से आटा चक्की कारोबारी की दुकान को तोडऩे के लिए एक दिन की मोहलत देने के लिए सिफारिश की थी। प्रशासन सीधी सड़क बनाने की दलील दे रहा है तो एक जैसी कार्रवाई क्यों नहीं। तिराहे से रेलवे क्रॉसिंग तक सीधी सड़क बनाने के बीच में कुछ मकान आगे क्यों उन्हें क्यों नहीं तोड़ा।